भूकंप से टूट गयी नेपाल की अर्थव्यवस्था, उबरने में लगेंगे कई साल

काठमांडू : नेपाल में जिस चीजों को ध्वस्त होने में कुछ ही पल लगे, उनके पुनर्निर्माण में वर्षों लगेंगे. वहां विनाशकारी भूकंप ने कुछ ही सेंकेड में शहरों और गावों को ध्वस्त कर दिया. इस हिमालयी राष्ट्र की सुस्त अर्थव्यवस्था को फिर से खडा करने में बरसों लगेंगे. नेपाल की उम्मीदें विदेशी मदद व दूसरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2015 4:44 PM
काठमांडू : नेपाल में जिस चीजों को ध्वस्त होने में कुछ ही पल लगे, उनके पुनर्निर्माण में वर्षों लगेंगे. वहां विनाशकारी भूकंप ने कुछ ही सेंकेड में शहरों और गावों को ध्वस्त कर दिया.
इस हिमालयी राष्ट्र की सुस्त अर्थव्यवस्था को फिर से खडा करने में बरसों लगेंगे. नेपाल की उम्मीदें विदेशी मदद व दूसरे देशों में काम कर रहे उसके लोगों से मिलने वाली मदद पर टिकी हैं. इस विनाशकारी भूकंप में 5,000 से अधिक लोग मारे गए हैं. शुरुआती अनुमानों के अनुसार भूकंप की वजह से नेपाल की अर्थव्यवस्था को अरबों डालर का नुकसान हुआ है.
पर्यटन उद्योग नेपाल की अर्थव्यवस्था की रीढ माना जाता है. यह पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. नेपाल में पर्यटकों की वापसी कब होगी यह कोई नहीं जानता. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अनुसार नेपाल में पर्यटन क्षेत्र 7 प्रतिशत रोजगार प्रदान करता है. इसका अर्थव्यवस्था में हिस्सा 8 प्रतिशत बैठता है.
आईएचएस के एशिया प्रशांत के अर्थशास्त्री राजीव बिस्वास ने कहा, यह काफी विनाशकारी था. उनका पर्यटन उद्योग पूरी तरह ठहर गया है. मैं नहीं जानता कि पर्यटकों का दोबारा नेपाल आना कब वास्तविकता बनेगा. बिस्वास का अनुमान है कि नेपाल में पुनर्निर्माण पर पांच अरब डालर से अधिक का खर्च आएगा. यह नेपाल की अर्थव्यवस्था का करीब 20 फीसद बैठता है.
अमेरिकी भूगर्भीय सेवा ने भूकंप से एक अरब से 10 अरब डालर के नुकसान का अनुमान लगाया है. हालांकि, अन्य विश्लेषकों का कहना है कि अभी पूरे नुकसान का आकलन करना जल्दबाजी होगा.
काठमांडू की ट्रैवल कंपनी इन्सेंटिव टूर्स के हरी मान लामा ने कहा, मेरी सभी बुकिंग रद्द हो गई हैं. उन्होंने कहा कि इस भूकंप की वजह से नेपाल के ट्रैवल उद्योग को भारी नुकसान हुआ है. लाखों लोग अपनी रोजी रोटी के लिए इस क्षेत्र पर निर्भर हैं.
पिछले साल नेपाल में आठ लाख पर्यटक आए थे. नेपाल में पर्यटक सीजन के बीच में यह भूकंप आया है. इससे काठमांडू में यूनेस्को के करीब आधे विश्व धरोहर स्थल नष्ट हो गए हैं. माउंट एवरेस्ट पर भी इससे हिमस्खलन हुआ जिसमें 19 लोग मारे गए.
इस हादसे के बाद नेपाल आने की योजना बना रहे दूसरे देशों के लोग अपनी यात्रायें रद्द कर रहे हैं. विभिन्न सरकारों ने अपने लोगों को नेपाल न जाने की सलाह दी है. जो लोग नेपाल में हैं, वे भी अपने घर वापस जा रहे हैं.

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