इस्लामाबाद: शनिवार यानि हफ्ते भर की भागमभाग के बाद सुकून भरे लम्हों को बांहों में भरने को बेताब जिंदगी. लेकिन इस्लामाबाद शहर की रातों को ये सुकून नसीब कहां? शनिवार की रात. घंटाघर की घड़ी ने टन टन कर आधी रात बीतने की मुनादी की नहीं कि शहर की सड़कें ‘‘फास्ट एंड फ्यूरियस’’ वीडियो गेम की दुनिया में बदल जाती है. आधी रात में जब शहर नींद के आगोश में लिपटा है, सुनसान सड़कों पर आलीशान और भारी भरकम गाड़ियों की झूंझूझूझूं शुरु हो जाती है.
ये दुनिया है पाकिस्तान के जवां और दौलतमंद नौजवानों की जो रात के सीने पर अपनी तेज रफ्तार गाड़ियों को दौड़ाएंगे. पाकिस्तान में ये एक नई रवायत शुरु हुई है जिसे नाम दिया गया है ‘‘अंडरग्राउंड स्टरीट रेसिंग’’. हिंदुस्तान की तरह यहां भी स्टरीट रेसिंग गैर कानूनी है लेकिन युवा जाबांज पूरे जुनून के साथ रात भर सड़कों पर दौड़ते फिरते हैं. हिंदुस्तान की तरह पाकिस्तान में भी कार रेसिंग एक खौफनाक शौक है. रात में जब शहर सो जाता है तो ये रईसजादे अपनी माज्दा आरएक्स 7 , टोयोटा सुप्रास , बीएमडब्ल्यू, हमर और होंडा सिविक को लेकर रेस लगाते हैं. इसे कहते हैं ‘‘ड्रैग रेस.’’
जब ये 10 20 कारें रात के अंधेरे में निकलती हैं तो इस्लामाबाद की सड़कें किसी हालीवुड फिल्म से लिए गए सीन की तरह दिखती हैं. एक पूर्व रेसर और साफ्टवेयर प्रोफेशनल अली ने प्रेट्र को बताया, ‘‘ इस प्रकार की रेस आधी रात के बाद या तड़के होती हैं जब सड़कें खाली रहती हैं. ये रेस केवल इस्लामाबाद में ही नहीं बल्कि कराची और लाहौर में भी होती हैं.’’