मॉस्को : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष पर दमदार तरीके से जोर देकर अपनी आर्थिक संवृद्धि एवं विकास को तेज करने की कोशिश में है और इसके लिए उसे रुस के सहयोग की दरकार है. राष्ट्रपति ने मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी में भारतीय एवं रुसी विश्वविद्यालयों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा, हमारी शैक्षणिक एवं शोध संस्थाएं इन महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय लक्ष्यों और हमारे लोगों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए ठोस प्रयास कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि इसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहुंच में विस्तार, शोध क्षमता में बढोत्तरी और शोध के परिणामों को औद्योगिक जरुरतों से ज्यादा करीबी से जोडना शामिल है. प्रणब ने कहा कि वैज्ञानिक सहयोग के द्विपक्षीय कार्यक्रमों से भारत और रुस को लाभ हुआ है और इसमें 1987 का एकीकृत दीर्घकालिक कार्यक्रम भी शामिल है जिसके तहत संयुक्त उत्कृष्टता केंद्रों के साथ-साथ आपसी शोध समर्थन कार्यक्रमों की स्थापना हुई. हालिया सालों में भारत और रुस ने बुनियादी विज्ञान एवं स्वास्थ्य शोध जैसे क्षेत्रों में नए सहयोग कार्यक्रमों की शुरुआत की है.