नेपाल में भूकंप से 2 लाख 90 हजार भवन पूरी तरह से नष्ट, ढाई लाख हुए आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त
काठमांडू : आज तडके भी काठमांडू और उसके आसपास में भूकंप के ताजा झटके महसूस किए गए जिससे लोगों में दहशत फैल गयी. वैसे भी वे पहले से ही डर के साये में जी रहे हैं क्योंकि पिछले दो सप्ताह में भूकंप के बाद आफ्टर शॉक कहे जाने वाले करीब 155 झटके आ चुके हैं. […]
काठमांडू : आज तडके भी काठमांडू और उसके आसपास में भूकंप के ताजा झटके महसूस किए गए जिससे लोगों में दहशत फैल गयी. वैसे भी वे पहले से ही डर के साये में जी रहे हैं क्योंकि पिछले दो सप्ताह में भूकंप के बाद आफ्टर शॉक कहे जाने वाले करीब 155 झटके आ चुके हैं. नेशनल सीसमोलॉजिकल सेंटर ऑफ नेपाल ने तडके तीन बजकर आठ मिनट पर 4.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया.
उसका केंद्र काठमांडू के उत्तरपूर्व में रासुवा में था. माई रिपब्लिका की खबर है कि सरकार ने माना कि आपदा तैयारी तथा बचाव एवं राहत में कई खामियां रहीं लेकिन विभिन्न देशों से काफी बचाव एवं राहत सहयोग मिला.
संसदीय बैठक को संबोधित करते हुए उप-प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री बामदेव गौतम ने कहा, आपदा हमारी आशंकाओं से परे और अप्रत्याशित थी. अतएव हमारी कोशिशें समय से भूकंप पीडितों को राहत पहुंचाने की आकांक्षाएं को पूरी नहीं कर सकीं.
उन्होंने कहा कि सरकार भूकंप के अत्यधिक जोखिम से वाकिफ है लेकिन उसके पास इलाकों में तैनाती के लिए पर्याप्त संख्या में विशेषज्ञ, प्रौद्योगिकी और मानवश्रम नहीं है. साथ ही, वह अन्य देशों के सामने अपनी जरुरतों के बारे में त्वरित मांग भी नहीं रख पायी.