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भारत और चीन के राज्यों के बीच सहयोग के लिए नये मंच की शुरुआत

बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री ली केक्यांग ने भारत और चीन के राज्यों के बीच संवाद के लिए एक मंच की शुरुआत की है, ताकि इसके जरिये दोनों देशों की राज्य सरकारें अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए परस्पर आर्थिक सहयोग भागीदारी स्थापित कर सकें. मोदी ने इस अवसर पर एक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2015 4:46 PM

बीजिंग : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के प्रधानमंत्री ली केक्यांग ने भारत और चीन के राज्यों के बीच संवाद के लिए एक मंच की शुरुआत की है, ताकि इसके जरिये दोनों देशों की राज्य सरकारें अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए परस्पर आर्थिक सहयोग भागीदारी स्थापित कर सकें. मोदी ने इस अवसर पर एक बैठक को संबोधित करते हुए इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया. उन्होंने कहा कि विकास कार्यो में प्रांतों और राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

बैठक में गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ विभिन्न शहरों के महापौर भी उपस्थित थे. मोदी ने कहा, ‘आने वाले समय में यह मंच हमारे दोनों देशों की जनता के बीच आर्थिक भागीदारी और संपर्क को मजबूत करने का महत्वपूर्ण माध्यम होगा.’ मोदी ने इसे भारत-चीन संबंध का एक ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने कहा, ‘आज हम दोनों देशों के बीच सहयोग को आगे बढाने के लिए एक नया मंच शुरू कर रहे हैं.’ मोदी ने कहा कि वह अपने अनुभव के आधार पर मानते हैं कि राष्ट्र के विकास में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है और यह मंच उसी विश्वास की उपज है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं अपने मंत्रियों से कहता हूं कि वे सम्मेलनों को दिल्ली के बजाय राज्यों की राजधानियों और अन्य शहरों में आयोजित करें, ताकि उन जगहों को उसके आयोजन का लाभ मिले.’ मोदी ने कहा, सब बातों से बढकर, हम राज्य सरकारों के साथ भागीदारी की भावना और उनकी संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर उनके साथ व्यवहार करते हैं. ऐसा करते हुए हम राज्य में सत्तारूढ पार्टी के चुनाव-चिन्ह का ध्यान नहीं देते. यही कारण है कि मैंने जब राज्यों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया तो मैंने चीन के साथ उनके संपर्को पर विचार करने के साथ-साथ व्यापक राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर भी गौर किया.’ उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में आर्थिक और सामाजिक विकास में राज्यों की प्रमुख भूमिका निर्धारित की गयी है.
केंद्र सरकार व्यापक आर्थिक परिवेश बनाती है, जबकि अंतत: नीतियों का क्रियान्वयन करने में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि वह अपने अनुभव से मानते हैं कि राज्य सरकारें अपने क्षेत्र के विकास के लिए बहुत प्रकार की पहल कर सकती हैं. संविधान में इसके लिए उन्हें काफी स्वायत्तता और जिम्मेदारी मिली है.
मोदी ने कहा कि एक ही तरह के राष्ट्रीय परिवेश में अलग-अलग राज्यों का कार्य प्रदर्शन अलग अलग तरह का है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘व्यावसायिक निवेशकों के लिए चाहे वह भारत के हों या विदेश के, उनकी यात्रा दिल्ली से शुरू हो सकती है, पर उनकी कामयाबी अंतत: राज्यों की राजधानियों पर निर्भर करती है.’ उन्होंने कहा कि व्यवसाय की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली बहुत सी चीजें जैसे बुनियादी ढांचा, जमीन, सार्वजनिक सुविधाएं कुशल कारीगर तथा बहुत सी स्वीकृतियां राज्य सरकारों पर निर्भर करती हैं. मोदी ने कहा कि मेरे लिए राज्यों को जोडना न केवल संविधानिक और कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि हमारा एक राष्ट्रीय प्रयास भी है.
उन्होंने कहा कि भारत की कामयाबी की इमारत केवल केंद्र सरकार के अकेले खंभे पर नहीं बल्कि राज्यों और केंद्र के 30 खंभों पर टिकी होगी. मोदी ने कहा कि मैं इस मंच को बहुत महत्वपूर्ण मानता हूं. यह पहला मौका है कि भारत ने किसी देश के साथ इस प्रकार के मंच की स्थापना की है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन दुनिया की दो बडी और सबसे तीव्र वृद्धि दर दर्ज करने वाली अर्थव्‍यवस्‍था हैं. हमारे बीच आर्थिक सहयोग की विशाल संभावनाएं हैं. हमारी चुनौतियां भी एक जैसी हैं और हमारे अनुभव भी समान हैं. दोनों देशों में अलग अलग हिस्सों में विकास की गति में अंतर है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के आर्थिक संबंध तेजी से बढ रहे हैं. राष्ट्रपति शी की पिछले साल भारत यात्रा के समय हमने अपने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को एक नये स्तर पर ले जाने की महत्वाकांक्षी योजना बनायी.
उन्होंने यह भी कहा कि चीन भारत में दो औद्योगिक पार्क स्थापित करने पर सहमत हुआ है. यह पार्क महाराष्ट्र और गुजरात में स्थापित किये जाएंगे. दोनों पक्ष भारतीय रेल क्षेत्र को उन्नत बनाने पर सहमत हुए हैं. प्रधानमंत्री ने चीनी कंपनियों को भारत के विनिर्माण क्षेत्र में निवेश का न्यौता दिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी ने पांच साल में भारत में चीन की तरफ से 20 अरब डालर के निवेश की बात की है. शंघाई में कल कुछ व्यावसायिक करार किये जाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यदि चीन के प्रांत और भारत की राज्य सरकारों के बीच संपर्क बढता है, तो हमें अपने सपने को साकार करना बहुत आसान हो जाएगा और दोनों देशों की जनता के बीच संपर्क बढेगा और इस तरह का संपर्क ही सभी प्रकार के संबंधों का मूल होता है.
मोदी ने कहा कि गुजरात और चीन के गुआंगडांग प्रांत के बीच सहयोगी राज्य का संबंध पहले से ही स्थापित हो चुका है. दोनों देशों के कई शहरों ने आपस में सहयोगी शहर का समझौता किया है. इस यात्रा में कर्नाटक और सिचुआन प्रांत के बीच सहयोग तथा शहरों के बीच सहयोग के चार समझौते किये जाएंगे. उन्‍होंने कहा कि ये बातें स्वागत योग्य हैं. हम दोनों देशों के बीच संबंधों को अब राज्यों की राजधानियों और दूसरे शहरों के स्तर तक ले जा रहे हैं.

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