इराक में किशोर की मौत की रिपोर्ट की पुष्टि करने में लगीं आस्ट्रेलियाई एजेंसियां

मेलबर्न: आस्ट्रेलियाई सुरक्षा एजेंसियां इराक में खतरनाक आईएस संगठन के साथ मिलकर लड रहे एक अन्य किशोर के मारे जाने की रिपोटरें की पुष्टि करने की कोशिश कर रही हैं. एबीसी न्यूज ने बताया कि ताजा रिपोर्ट मेलबर्न के 19 वर्षीय किशोर इरफान हुसैन के संबंध में आई है, जिसके परिवार के अनुसार उसकी पश्चिम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2015 10:52 AM

मेलबर्न: आस्ट्रेलियाई सुरक्षा एजेंसियां इराक में खतरनाक आईएस संगठन के साथ मिलकर लड रहे एक अन्य किशोर के मारे जाने की रिपोटरें की पुष्टि करने की कोशिश कर रही हैं.

एबीसी न्यूज ने बताया कि ताजा रिपोर्ट मेलबर्न के 19 वर्षीय किशोर इरफान हुसैन के संबंध में आई है, जिसके परिवार के अनुसार उसकी पश्चिम एशिया में इस्लामिक स्टेट के उग्रवादियों के साथ लडते समय मौत हो गई.रिपोर्ट में कहा गया है कि हुसैन ने 18 वर्षीय अब्दुल नोमान हैदर के साथ मेलबर्न के नॉर्थ दांदेनोंग में लिंडाले सेकंडरी कॉलेज में दाखिला लिया था. हैदर को मेलबर्न के दक्षिण पूर्व में इंडीवर हिल्स पुलिस थाने के बाहर पिछले साल दो पुलिस अधिकारियों को चाकू मारने के कारण पुलिस ने गोली मारी थी.
ऐसा बताया जा रहा है कि हुसैन विक्टोरिया का चौथा ऐसा व्यक्ति है जो पिछले तीन महीनों में पश्चिम एशिया में आईएस के लिए लडते समय मारा गया है.विदेश मंत्री जूली बिशप ने कहा कि इराक या सीरिया में मौत की रिपोटरें की वास्तविकता का पता लगाने की विभाग की क्षमता ‘‘ बहुत सीमित’’ है. उन्होंने कहा, ‘‘ यदि ये रिपोर्ट सही है तो वह उन 30 से अधिक आस्ट्रेलियाई लोगों में से एक होगा जो आतंकवादियों के लिए लडते समय मारे गए हैं.’’
जूली ने कहा, ‘‘ यह बहुत व्यथित करने वाली बात है कि यह खूंखार आतंकवादी संगठन युवा आस्ट्रेलियाई युवकों को मौत को गले लगाने के लिए बहला फुसला रहा है. आस्ट्रेलियाई सरकार आतंकवादी लडाकों और इस्लामिक स्टेट को मिलने वाले धन के प्रवाह को रोकने के लिए कार्रवाई कर रही है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ताजा खबर ऐसे समय आई है जब कुछ सप्ताह पहले मेलबर्न के एक अन्य किशोर जेक बिलार्डी के इराक के इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती बम हमलों की श्रृंखला में मारे जाने की खबर आई थी. ’’ मंत्री ने अपने देश के नागरिकों को सीरिया या इराक नहीं जाने की सलाह देते हुए कहा, ‘‘ वे केवल अपना जीवन ही खतरे में नहीं डाल रहे बल्कि वे इराक एवं सीरिया के लोगों की भी मुश्किलें बढा रहे हैं.

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