17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नरेंद्र मोदी का कोरिया में भाषण, कहा – अब पूरब की ओर देखने का नहीं बल्कि ”एक्ट इस्ट” का समय

सोल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर उसकी पूरब की ओर देखों यानी ‘लुक ईस्ट’ नीति पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमने इसे बहुत देख लिया और अब वक्त है पूरब पर काम करने यानी ‘एक्ट ईस्ट’ का. चीन और मंगोलिया के बाद दक्षिण कोरिया पहुंचे मोदी ने वहां की […]

सोल : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर उसकी पूरब की ओर देखों यानी ‘लुक ईस्ट’ नीति पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमने इसे बहुत देख लिया और अब वक्त है पूरब पर काम करने यानी ‘एक्ट ईस्ट’ का.
चीन और मंगोलिया के बाद दक्षिण कोरिया पहुंचे मोदी ने वहां की राजधानी सोल में क्यूंग ही विश्वविद्यालय में भारतीय समुदाय द्वारा उनके स्वागत में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा, पूर्व में नीति थी, पूरब की ओर देखो. हमने पूरब की ओर बहुत देख लिया. अब हमें एक्ट ईस्ट पालिसी यानी पूरब पर काम करना है. यह मेरी सरकार की विदेश नीति का प्रमुख तत्व है.
उल्लेखनीय है कि 90 के दशक में तत्कालीन नरसिम्ह राव सरकार ने ‘लुक ईस्ट पालिसी’ की सबसे पहले अवधारणा पेश की थी और उसके बाद से सभी सरकारें उसका अनुसरण करती आई हैं. मोदी ने आर्थिक विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि पांच सदस्यीय ब्रिक्स समूह में भारत पिछले वर्ष तक जद्दोजहद कर रहा था लेकिन पिछले साल (जब मोदी सरकार सत्ता में आई) हालात बदल गए.
उन्होंने कहा, पिछले एक वर्ष में दुनिया अब कह रही है कि आई (इंडिया) ब्रिक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस समूह की आई के बिना कल्पना नहीं की जा सकती है. मेक इन इंडिया की पुरजोर वकालत करते हुए मोदी ने कहा, मेक इन इंडिया के लिए पूरे विश्व को निमंत्रित कर रहा हूं. दुनिया भर के युवाओं के पास अवसर हैं.
Undefined
नरेंद्र मोदी का कोरिया में भाषण, कहा - अब पूरब की ओर देखने का नहीं बल्कि ''एक्ट इस्ट'' का समय 2
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विकास का रास्ता कठिन है पर मैं मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूं. मैं विकास नाम की जडी बूटी लेकर चल पडा हूं और इससे देश का मूड बदल रहा है. भारत ने समस्या का हल खोज लिया है. उन्होंने कहा, एक समय ऐसा था जब लोगों ने भारत यह कह कर छोडा कि वहां कुछ खास नहीं है. ये लोग अब वापस आने को तैयार हैं. मूड बदल चुका है. उन्होंने कहा कि भारत को अब विश्व की सबसे तेज गति से बढती अर्थव्यवस्था के रुप में देखा जा रहा है.
मोदी ने भारतीय समुदाय से कहा, आपके अनुभव भारत की प्रगति के लिए अपरिहार्य हैं. भारतीय समुदाय को उन्होंने विदेशी धरती पर देश के इतिहास और संस्कृति का वास्तविक राजदूत बताया.
भारत और कोरिया के पुराने रिश्तों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कोरिया के प्रख्यात राजा सूरो का जिक्र किया जिनके बारे में समझा जाता है कि इनका कई शताब्दी पहले अयोध्या की राजकुमारी से विवाह हुआ था. उन्होंने कहा कि भारत-कोरिया के बीच इस जुडाव का यहां के लोगों में गर्व है. मोदी ने कहा कि टैगोर कोरिया को पूरब का दीपक कहा करते थे.
पडोसी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि मानवीय मूल्य और मानवता विदेश नीति का मुख्य बिन्दु होना चाहिए और कहा कि मानवतावाद के आधार पर ही उनकी सरकार दक्षेस देशों से जुडी है.
उन्होंने कहा कि हम मानवता को केंद्र में रख कर चल रहे हैं. श्रीलंका में पांच मछुआरों को सजा हुई लेकिन भारत ने मानवता के संबंधों को उठाया और मछुआरों को वापस लाया गया. मालदीव में पीने के पानी का संकट हुआ. हमने उन्हें पानी भेजा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले महीने नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के समय भारत अपने पडोसी देश के साथ मजबूती से खडा रहा और सैकडों लोगों को बचाया जिनमें 50 अन्य देशों के लोग भी शामिल हैं.
मोदी ने अशांत यमन में भारत के राहत अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि वहां विदेशियों समेत 4000 लोगों को बचाकर निकाला गया. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार मानवता में विश्वास करती है.
बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते का जिक्र करते हुए उन्होंने इस जटिल समस्या के समाधान का श्रेय अपनी सरकार को दिया, साथ ही भारत बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता पारित कराने के लिए सभी राजनीतिक दलों का धन्यवाद दिया.
इसके बाद मोदी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चेंग वेई दे के कार्यालय और उनके आधिकारिक निवास गए जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया.दक्षिण कोरिया पहुंचने पर प्रधानमंत्री हवाई अड्डे से सीधे कोरियाई शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने सोल नेशनल सेमेटरी गए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें