सोल : देश के तीव्र विकास के लिए दुनिया भर से भारत में निवेश आमंत्रित करने में जुटे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि विकास का रास्ता कठिन है पर मैं मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूं और विकास नाम की जडी बूटी से भारत ने समस्या का हल खोज लिया है.
यहां क्यूंग ही यूनिवर्सिटी में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, रास्ता कठिन है लेकिन मैं विकास नाम की जडी बूटी लेकर चल पडा हूं और इससे देश का मूड बदल रहा है. भारत ने समस्या का हल खोज लिया है. उन्होंने कहा, विकास का रास्ता कठिन है पर मैं मक्खन नहीं, पत्थर पर लकीर खींचना जानता हूं.
मेक इन इंडिया की पुरजोर वकालत करते हुए मोदी ने कहा, मैं मेक इन इंडिया के लिए पूरे विश्व को निमंत्रित कर रहा हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राजनीतिक लाभ के लिए कुछ नहीं करना चाहते. एक साल में बदलाव हुआ. देश का युवा परिवर्तन चाहता है और हम उस दिशा में लगे हुए हैं. हर क्षेत्र में हमें विकास की नयी ऊंचाई को पार करना है.
मोदी ने कहा कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए भारत को विनिर्माण केंद्र बनना चाहते हैं. उन्होंने विदेशों में बसे भारतीयों को स्वदेश लौटने और देश में निवेश करने का निमंत्रण देते हुए कहा कि पिछले एक साल में भारत के बारे में लोगों का मूड और धारणा बदल चुकी है.
मोदी ने कहा, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी को भारत आना चाहिए. उन्होंने कहा, आज लोग भारत आने को लेकर काफी उत्साहित हैं. यह मूड में बदलाव का प्रतीक है. अखिर यह जनता ही है जो राष्ट्र का निर्माण करती है.
इस सिलसिले में उन्होंने दुनिया कि विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों के कार्यो की सराहना की. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राजनीतिक लाभ के लिए कुछ नहीं करना चाहते. एक साल में बदलाव हुआण् देश का युवा परिवर्तन चाहता है और हम उस दिशा में लगे हुए हैं. हर क्षेत्र में हमें विकास की नयी ऊंचाई को पार करना है.
मोदी ने कहा कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए भारत को विनिर्माण केंद्र बनना चाहते हैं. उन्होंने विदेशों में बसे भारतीयों को स्वदेश लौटने और देश में निवेश करने का निमंत्रण देते हुए कहा कि पिछले एक साल में भारत के बारे में लोगों का मूड और धारणा बदल चुकी है.
उन्होंने कहा, आज लोग भारत आने को लेकर काफी उत्साहित हैं. यह मूड में बदलाव का प्रतीक है. अखिर यह जनता ही है जो राष्ट्र का निर्माण करती है. दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी को भारत आना चाहिए. मोदी ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर उसकी पूरब की ओर देखों यानी ‘लुक ईस्ट’ नीति पर चुटकी लेते हुए कहा कि हमने इसे बहुत देख लिया और अब वक्त है पूरब पर काम करने यानी ‘एक्ट ईस्ट’ का. उन्होंने कहा कि यह भू-भाग, अडोस-पडोस के सारे देश तेज गति से आगे बढ रहे हैं.
मोदी ने कहा कि अब हिन्दुस्तान का सूर्य उदय हो चुका है, अब हिन्दुस्तान विश्व के अन्दर अपनी एक बहुत बडी अहम भूमिका निभाएगा.
उन्होंने कहा 21वीं सदी एशिया की सदी बन कर रहेगी और हिंदुस्तान बडी भूमिका निभाएगा. साल भर में दुनिया के लोगों का भारत के प्रति नजरिया बदला. इंडिया के बिना ब्रिक्स संभव नहीं है. पिछले दो-तीन महीनों में दुनिया की सभी मंचों पर चर्चा हुई है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था है.
विश्व के अर्थशास्त्रियों का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया के सामने एक नया शब्द दिया गया ‘ब्रिक्स’ – ब्राजील, रुस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका. तब कहा गया था कि ब्रिक्स देशों का समूह, विश्व के आर्थिक जीवन का संचालन करेगा. ये 20वीं सदी के आखिरी दिनों में और 21वीं सदी के प्रारंभ में कहा जाता था.
उन्होंने कहा कि लेकिन पिछले 10 साल, 15 साल के भीतर-भीतर दुनिया के स्वर बदल गये. आर्थिक विशेषज्ञों के स्वर बदल गये हैं और वो कहने लगे कि लगता है कि ब्रिक्स में ‘आई’ (इंडिया) लुढक रहा है, ‘आई’ तो नीचे जा रहा है, सब तरफ चिंता हो रही थी कि जो सपना ब्रिक्स के रुप में पूरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था के लिए देखा था वो अब क्यों लुढक रहा है, क्योंकि ‘आई’ लुढक रहा है.
मोदी ने कहा कि लेकिन पिछले एक वर्ष में दुनिया के स्वर बदले हैं. दुनिया का नजरिया भी बदल गया है. दुनिया को अब लगने लगा है कि आई (इंडिया) ब्रिक्स के बिना संभव नहीं होगा. पिछले 2-3 महीने में, चाहे आईएमएफ हो, विश्व बैंक हो, रेटिंग एजेंसी हो या मूडी हो सबने अलग-अलग मंचों पर एक स्वर से कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढने वाली अर्थव्यवस्था है. उन्होंने कहा कि आज एशिया को लगता है कि हिन्दुस्तान जिस तरह से उठ खडा हुआ है, 21वीं सदी एशिया की सदी बनकर रहेगी.