तालिबान ने कहा,‘‘भारतीय जासूस’’ थी सुष्मिता इसलिए की हत्या
काबुल : अपने पहले के दावे से पलटते हुए तालिबानी संगठन सुसाइड ग्रुप ऑफ द इस्लामिक मूवमेंट ऑफ अफगानिस्तान ने भारतीय लेखिका सुष्मिता बनर्जी की हत्या की जिम्मेदारी ली है और दावा किया है कि वह ‘‘भारतीय जासूस’’ थी.’’ वेबसाइट द डेली बिस्ट ने समूह के प्रवक्ता कारी हमजा के हवाले से कहा, ‘‘हमने सुष्मिता […]
काबुल : अपने पहले के दावे से पलटते हुए तालिबानी संगठन सुसाइड ग्रुप ऑफ द इस्लामिक मूवमेंट ऑफ अफगानिस्तान ने भारतीय लेखिका सुष्मिता बनर्जी की हत्या की जिम्मेदारी ली है और दावा किया है कि वह ‘‘भारतीय जासूस’’ थी.’’
वेबसाइट द डेली बिस्ट ने समूह के प्रवक्ता कारी हमजा के हवाले से कहा, ‘‘हमने सुष्मिता बनर्जी की हत्या की क्योंकि वह भारतीय जासूस थी.’’ उसने स्वीकार किया कि उसके लोगों ने उनका अपहरण किया, कड़ाई से पूछताछ की और फिर हत्या कर दी.
उसने कहा, ‘‘हमने उन्हें उनके घर से खींचा, तीन घंटे तक उनसे पूछताछ की और फिर मार दिया.’’ 49 वर्षीय बनर्जी की शादी अफगानिस्तान के व्यवसायी जांबाज खान से हुई थी और हाल में वह उनके साथ रहने अफगानिस्तान गई थीं. अफगानिस्तान के पाक्तिका प्रांत में पिछले हफ्ते आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी.वेबसाइट के मुताबिक हमजा ने दावा किया कि ‘‘पूछताछ के दौरान सुष्मिता बनर्जी ने दूसरे एजेंटों के नामों का भी खुलासा किया और हम उनका भी पता लगा लेंगे.’’लेखिका के रिश्तेदारों और दोस्तों ने कोलकाता में दावा किया है कि उनके पति ने षड्यंत्र रचा है और उनकी मौत की ‘‘उपयुक्त जांच’’ की मांग की है.
बनर्जी की किताब ‘‘काबुलीवालार बंगाली बउ’’ (एक काबुलीवाले की बंगाली पत्नी) 1995 में तालिबान के चंगुल से बच निकलने पर आधारित है जो भारत में काफी लोकप्रिय हुई और 2003 में इस पर बॉलीवुड की फिल्म ‘‘इस्केप फ्रॉम तालिबान’’ बनी.