वाशिंगटन: पाकिस्तान के एबटाबाद में एक महफूज ठिकाने पर लंबे समय तक तनहा रहने से आजिज ओसामा बिन लादेन अमेरिकी कमांडो हमले से कुछ महीने पहले इसे छोडकर कहीं और चले जाना चाहता था, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाया और उसी ‘महफूज’ ठिकाने में मारा गया.
सीआईए की नजर में आने और मारे जाने से कुछ महीने पहले ओसामा ने लिखा था कि उसके किसी दूसरी जगह चले जाने का शायद यही समय है.ऐबटाबाद में अपने परिसर में अकेला रहने पर गहरी कुंठा प्रकट करते हुए अलकायदा नेता ने वहां से चले जाने का इरादा किया था.
ओसामा ने उसे शरण देने वाले और बाहरी दुनिया के लिए उसके प्राथमिक संपर्क सूत्रों – दो पाकिस्तानी भाइयों का जिक्र करते हुए लिखा, ‘‘मुझे लगता है मैं उन्हें छोड दूं. ’’
उसने पत्नी खैरिया को लिखा, ‘‘लेकिन दूसरी जगह का इंतजाम करने में कुछ महीने लगेंगे जहां तुम, हमजा और उसकी बीवी हमारे पास आ सकें. मैं तुमसे माफी मांगता हूं और उम्मीद करता हूं कि तुम हालात को समझोगी और दुआ करता हूं कि अल्लाह हम लोगों की मुलाकात आसान बनाए. इंशा अल्लाह. ’’
इसके छह माह से भी कम समय बाद मई, 2011 में अमेरिकी नौसेना के सील कमांडों ने ऐबटाबाद में उस परिसर पर हमला किया था और ओसामा एवं उसके पाकिस्तानी साथियों को मार गिराया था.
खैरिया, जिसके नाम खत लिखा गया था और आखिरकार ऐबटाबाद में ओसामा के पास पहुंची थी. उसे पकडकर पाकिस्तानी प्रशासन के हवाले कर दिया गया था.