राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी पांच दिवसीय यात्रा के पहले चरण के तहत पहुंचे स्वीडन

स्टाकहोम : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी स्वीडन और बेलारुस की अपनी पांच दिवसीय सरकारी यात्रा के पहले चरण में आज यहां पहुंच गए. किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस पहली स्वीडन यात्रा के दौरान सतत विकास तथा वैज्ञानिक शोध सहित कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है. राष्ट्रपति मुखर्जी के यहां आरलैंड हवाई अड्डे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2015 9:44 PM

स्टाकहोम : राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी स्वीडन और बेलारुस की अपनी पांच दिवसीय सरकारी यात्रा के पहले चरण में आज यहां पहुंच गए. किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की इस पहली स्वीडन यात्रा के दौरान सतत विकास तथा वैज्ञानिक शोध सहित कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है.

राष्ट्रपति मुखर्जी के यहां आरलैंड हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद राजकुमारी विक्टोरिया ने उनकी अगवानी की. बाद में रायल म्यूज में उनका स्वागत सम्राट कार्ल सोहलवें गुस्ताफ और महारानी सिल्विया ने किया जहां से उन्हें घोडों की बग्घी में रायल पैलेस ले जाया गया. वहां पर राष्ट्रपति का पारंपरिक स्वागत किया गया.

इससे पूर्व, नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी , दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग , विदेश मंत्री सुषमा स्वराज , वित्त मंत्री अरुण जेटली और तीनों सेवाओं के प्रमुखों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी.
अपनी तीन दिन की सरकारी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफान लोफवेन, संसद के स्पीकर और विपक्ष की नेता अन्ना किनबर्ग बात्रा के अलावा सम्राट और महारानी से भी मुलाकात करेंगे. मुखर्जी विश्वप्रसिद्ध चिकित्सा शोध केंद्र कारोलिन्स्का इंस्टीट्यूट और उप्पसला यूनिवर्सिटी भी जाएंगे. यह यूरोप की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है जिसकी स्थापना 1477 में की गयी थी.
इस यात्रा में मुख्य रुप से नवोन्मेष, सतत विकास, शहरी विकास और चिकित्सा शोध पर जोर दिया जाएगा जहां दोनों देश व्यापार और विज्ञान के क्षेत्रों में आपसी आदान प्रदान को मजबूती प्रदान करने के रास्ते तलाशेंगे. राष्ट्रपति यहां भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे. यहां भारतीय मूल और ओवरसीज सिटीजन आफ इंडिया कार्डधारकों तथा भारतीय पासपोर्ट धारकों की संख्या 18 हजार है. ये लोग स्वीडन में आतिथ्य सत्कार सेवा और आईटी सेक्टरों में कार्यरत हैं.
चीन और जापान के बाद तीसरा सबसे बड़ा व्यापार साझीदार होने के अलावा स्वीडन भारत में तीसरा सबसे बडा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशकर्ता भी है. मुखर्जी के साथ रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर तथा संसद सदस्य गुलाम नबी आजाद और अश्विनी कुमार भी स्वीडन यात्रा पर आए हैं. भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के करीब सात वाइस चांसलर, प्रमुख भारतीय विवि के निदेशक तथा 60 से अधिक कारोबारी नेता एक द्विपक्षीय व्यापार फोरम में भाग लेने के लिए स्वीडन आ रहे हैं. राष्ट्रपति मुखर्जी एक स्वीडिश स्मार्ट सिटी का भी दौरा करेंगे जहां उन्हें इसके संचालन और नागरिक प्रशासन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी जाएगी.
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) नवतेज सरना ने बताया था कि मुखर्जी की यात्रा के दौरान सरकारी स्तर और शैक्षणिक संस्थान और कारोबारी स्तर पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. अपनी यात्रा के दूसरे चरण में मुखर्जी दो जून को बेलारुस जाएंगे. वह अपने बेलारुसी समकक्ष एलेक्जांद्र लुकशेन्को के साथ एक बिजनेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे और महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे.
राष्ट्रपति द्वारा एक उर्जा परियोजना का भी उद्घाटन किया जाएगा जिसका नवीकरण भेल द्वारा किया गया है. इसके अलावा सेबी, वित्त मंत्रालय , ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड और प्रसार भारती तथा राष्ट्रीय टेलीविजन से संबंधित कुछ समझौते किए जा सकते हैं.

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