सिंगापुर पुलिस ने कहा, गोलीबारी मामला आतंकवादी घटना नहीं

सिंगापुर: सिंगापुर पुलिस ने आज इस बात से इनकार किया कि उच्च स्तरीय एशिया प्रशांत सुरक्षा शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल के निकट हुई गोलीबारी आतंकवादी घटना थी. इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्र के शीर्ष नेता और अधिकारी शिरकत कर रहे थे. तीन दिवसीय शांगरी ला वार्ता के परिसर के निकट एक कार ने पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2015 12:08 PM

सिंगापुर: सिंगापुर पुलिस ने आज इस बात से इनकार किया कि उच्च स्तरीय एशिया प्रशांत सुरक्षा शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल के निकट हुई गोलीबारी आतंकवादी घटना थी.

इस शिखर सम्मेलन में क्षेत्र के शीर्ष नेता और अधिकारी शिरकत कर रहे थे. तीन दिवसीय शांगरी ला वार्ता के परिसर के निकट एक कार ने पुलिस अवरोधकों को तोड दिया जिसके बाद पुलिस ने गोलियां चलाईं. इस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘ प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह एक अलग घटना है और आतंकवाद संबंधी घटना नहीं है.’’ बम निरोधक दस्ते ने जब इस बात की पुष्टि की कि कार में कोई हथियार या विस्फोटक नहीं है, उसके बाद ही हरी झंडी दी गई और यातायात को सुचारु रुप से संचालित करने की अनुमति दी. इससे पहले घटनास्थल की घेरेबंदी करके यातायात को स्थल से सुरक्षित दूरी पर रखा गया था.
रक्षा मंत्री नग इंग हेन के हवाले से ‘स्ट्रेट्स टाइम्स’ ने कहा, ‘‘ यदि कोई देशी विस्फोटक उपकरण बरामद होता तो इसका सिंगापुर पर बहुत गंभीर प्रभाव पडता.’’ इस बीच पुलिस ने गोलीबारी की घटना में शामिल तीनों संदिग्धों की पहचान मोहम्मद तौफीक अजहर (34), मोहम्मद इस्माईल (31)और सैयद मोहम्मद यासीन (26) के रुप में की है. इस घटना में तौफीक की मौत हो गई.
पुलिस ने बताया कि ये तीनों पूर्व में नशीले पदार्थों संबंधी अपराधों और आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे हैं. माना जा रहा है कि कार में मिला सफेद रंग का पाउडर नशीला पदार्थ है. घटना के बाद सिंगापुर के राजनयिक इलाके में स्थित होटल तक जाने वाली सडकों और मार्गों को अवरोधक लगाकर बंद कर दिया गया था.
बाद में परिसर तक जाने की अनुमति दे दी गई. इस वार्ता में भारत के रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर विश्व के अपने समकक्षकों के साथ भाग ले रहे थे. पिछले सात साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब पुलिस को गोलियां चलानी पडी. पुलिस को इससे पहले 2008 में ऐसा करना पडा था.
उप प्रधानमंत्री तियो ची हेयान ने संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने तेजी से घटना को नियंत्रण में किया. उन्होंने कहा, ‘‘ जांचकर्ताओं ने अभी तक संकेत दिए हैं कि यह घटना नशीले पदार्थों से संबंधित है.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस जन सुरक्षा बनाए रखने के लिए कानून तोडने वालों के साथ सख्ती से पेश आएगी.
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले 19 वर्षीय एक छात्र को आंतरिक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था. यह छात्र इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों के साथ मिलकर काम करने की कोशिश कर रहा था. पिछले सप्ताह खबर आई थी कि आईएस ने सिंगापुर को संभावित निशाना बनाया है.

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