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उड़न तश्तरी के प्रक्षेपण में नासा करेगा सुपरसोनिक पैराशूटों का परीक्षण

मियामी : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपनी बहुप्रतीक्षित उडन तश्तरी के लॉन्च के दौरान अब तक के सबसे बडे पैराशूट का परीक्षण करने की योजना बना रही है. इस प्रक्षेपण के जरिए मंगल पर उतरने के लिए नयी तकनीकों का परीक्षण होगा. लो डेन्सिटी सुपरसोनिक डीसेलेरेटर नामक उड़न तश्तरी की परीक्षण उड़ान का सीधा प्रसारण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 5:25 PM
मियामी : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपनी बहुप्रतीक्षित उडन तश्तरी के लॉन्च के दौरान अब तक के सबसे बडे पैराशूट का परीक्षण करने की योजना बना रही है. इस प्रक्षेपण के जरिए मंगल पर उतरने के लिए नयी तकनीकों का परीक्षण होगा.
लो डेन्सिटी सुपरसोनिक डीसेलेरेटर नामक उड़न तश्तरी की परीक्षण उड़ान का सीधा प्रसारण नासा की वेबसाइट पर दोपहर डेढ बजे (भारतीय समयानुसार रात 11 बजे) किया जाएगा.
चूंकि मंगल पर वातावरण बहुत पतला है, ऐसे में किसी भारी और तीव्र गति से जाते अंतरिक्षयान को नीचे उतारने में मदद करने वाले पैराशूट का अधिक मजबूत होना जरुरी है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे करने के तरीके का पता दशकों पहले ही लगा लिया था. इसकी शुरुआत वाइकिंग अभियान के साथ हुई थी. तब वर्ष 1976 में मंगल पर दो लैंडर उतारे गए थे.
लेकिन 2030 के दशक तक मंगल पर इंसानों को भेजने के लक्ष्य के साथ अब एजेंसी एक ज्यादा आधुनिक और नयी पीढी की पैराशूट तकनीक का परीक्षण कर रही है. इसे सुपरसोनिक रिंगसेल पैराशूट के नाम से जाना जाता है, जो कि इंसानों और महीनों तक चल सकने वाले भोजन का भार उठा सकने वाले भारी अंतरिक्षयान को भी आराम से उतार सकता है.
नासा जेपीएल के अनुसार, यह पैराशूट इस काम में लगाया गया अब तक का सबसे बडा पैराशूट है. इसका व्यास 100 फुट है. नासा की जेट प्रपल्शन लेबोरेटरी ने एक बयान में कहा, हम यह देखना चाहते हैं कि क्या पैराशूट पराध्वनिक (सुपरसोनिक) गति से जा रहे परीक्षण वाहन को धीमा करके सफलतापूर्वक तैनात कर सकता है?

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