भारत और बेलारूस के बीच 17 बिंदुओं पर सहमति

मिंस्क : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने बेलारुस के समकक्ष से आज मुलाकात की और दोनों देशों ने रक्षा एवं सुरक्षा मुद्दों पर साथ-साथ काम करने का फैसला किया तथा परस्पर विश्वास बढाने के लिए 17 बिंदुओं वाले खाके पर सहमति जतायी. दो दिवसीय यात्रा पर कल रात यहां पहुंचे मुखर्जी का बेलारुस के राष्ट्रपति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2015 10:11 PM

मिंस्क : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने बेलारुस के समकक्ष से आज मुलाकात की और दोनों देशों ने रक्षा एवं सुरक्षा मुद्दों पर साथ-साथ काम करने का फैसला किया तथा परस्पर विश्वास बढाने के लिए 17 बिंदुओं वाले खाके पर सहमति जतायी. दो दिवसीय यात्रा पर कल रात यहां पहुंचे मुखर्जी का बेलारुस के राष्ट्रपति एजी लुकाशेंको ने पैलेस ऑफ इंडिपेंडेंस में परंपरागत तरीके से समारोहपूर्वक स्वागत किया.

समारोह के बाद मुखर्जी की लुकाशेंकों के साथ बैठक हुई. लुकाशेंको के साथ वार्ता के दौरान राष्ट्रपति ने कई मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध को बढाने के अलावा खनन, शिक्षा और भारी मशीनरी के क्षेत्र में सहयोग बढाना भी शामिल है.

बाद में दोनों राष्ट्रपति कई समझौतों और सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर कार्यक्रम में शरीक हुए. इनमें सुरक्षा एवं भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) तथा वित्त मंत्रालय, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स तथा प्रसार भारती एवं नेशनल स्टेट टेलीविजन के बीच समझौते शामिल हैं.

दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित समझौतों में 17 बिंदुओं वाला खाका शामिल है .इस खाके में दोनों देशों के बीच बहुआयामी एवं दीर्घकालीन सहयोग बढाने का दृढ संकल्प है. दोनों देश रक्षा संबंधित द्विपक्षीय तकनीकी सहयोग पर सहमति पत्र के पूर्ण कार्यान्वयन के सुनिश्चिय और सुरक्षा मुद्दों के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए कोई कानूनी खाका तैयार करने के लिए मिल कर काम करेंगे.

यह खाका सुनिश्चित करेगा कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय एवं मंत्री स्तरीय संपर्कों में इजाफा हो, द्विपक्षीय व्यापार का ढांचा अधिकाधिक फलदायी बने, व्यापारिक कारोबार में इजाफा हो और वित्तीय संस्थाओं के बीच व्यावहारिक सहयोग को बढावा मिले. समझौते के तहत दोनों देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उर्जा क्षेत्र, धातु एवं उत्खनन, पोटाश उर्वरक में समन्वय में बढावा देंगे, कपडा क्षेत्र में कच्चे माल को बढावा देंगे जबकि भारत की जन विद्युत परिवहन प्रणाली के आधुनिकीकरण, कृषि और कृषि प्रसंस्करण में बेलारुस सहयोग करेगा. समझौतों में छात्रों के आदान-प्रदान करने और पर्यटन को बढावा देने को भी जगह मिली है.

भारत से किसी राष्ट्रपति द्वारा बेलारुस की यह प्रथम यात्रा है. बेलारुस के राष्ट्रपति ने भारत की 1997 और 2007 में यात्रा की थी. अपनी यात्रा के दौरान मुखर्जी बेलारश्यिन स्टेट यूनीवर्सिटी में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का अनावरण किया.

बेलारुस आप्टिकल फाइबर, भारी मशीनरी और रक्षा उपकरणों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है. उन्होंने बताया कि चर्चा के दौरान मुखर्जी ने बेलारुस के राष्ट्रपति से कहा कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के नियम में ढील दी गई है इसलिए वैश्विक कंपनियों को आने और अपने उत्पाद का विनिर्माण करने का मौका है. उन्होंने बताया कि मुखर्जी ने लुकाशेंको को सूचित किया कि रक्षा क्षेत्र को भी खोल दिया गया है और बेलारुस वहां निवेश के लिए प्रमुख क्षेत्र चिह्नित कर सकता है.

भारत ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए जिन 25 देशों को चुना है उसमें बेलारुस भी शामिल है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने लुकाशेंको को यह भी बताया कि पंजाब में बेलारुस का नाम ट्रैक्टर से जुडा है क्योंकि हरित क्रांति के दौरान 1960 के दशक में ज्यादातर ट्रैक्टर वहीं से आए थे.

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