आज से घट जायेगी भारत और बांग्लादेश की दूरी, मोदी, ममता और हसीना ने दिखायी बसों को झंडी

ढाका : आज से भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा करने वालों के लिए समय और दूरी की बचत होगी. भारत और बांग्लादेश के बीच कनेक्टिविटी को बडा बढावा देने की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज हरी झंडी दिखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2015 5:06 PM
ढाका : आज से भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा करने वालों के लिए समय और दूरी की बचत होगी. भारत और बांग्लादेश के बीच कनेक्टिविटी को बडा बढावा देने की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बांग्लादेश की उनकी समकक्ष शेख हसीना और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज हरी झंडी दिखा कर दो बस सेवाओं की शुरुआत की.
ये बस सेवाएं कोलकाता-ढाका-अगरतला और ढाका-शिलांग-गुवाहाटी के बीच चलेंगी और इनके माध्यम से पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश की राजधानी ढाका होते हुए भारत के पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के साथ जोडा जायेगा.
अपनी बांग्लादेश यात्रा के पहले दिन मोदी ने बस सेवाओं को हरी झंडी दिखाने के समारोह के दौरान शेख हसीन को अगरतला-ढाका-कोलकाता सेवा का पहला सांकेतिक टिकट सौंपा और इसी तरह से बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने ढाका-शिलांग-गुवाहाटी सेवा का पहला सांकेतिक टिकट मोदी को सौंपा. ममता बनर्जी ने हसीना को कोलकाता-ढाका-अगरतला सेवा का सांकेतिक टिकट सौंपा.
इन बस सेवाओं का मकसद पडोसी देशों के बीच सम्पर्क बढाकर यहां के लोगों के बीच सम्पर्क को बेहतर बनाना है. पहले कोलकाता से अगरतला जाने के लिए भारत के लोगों को 36 घंटों की यात्रा करते हुए करीब 1650 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी लेकिन अब बांग्लादेश के जरिये इस बस सेवा के शुरू होने की वजह से कोलकाता से ढाका होते हुए ये दूरी महज 500 किलोमीटर की रह जाएगी.
पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनका भारत और बांग्लादेश दो जगहों पर पारिवारिक संबंध और व्यवसायिक रिश्ते हैं. इसके अलावा अगरतला में भी बड़ी संख्या में बंगाली नागरिक हैं. उनका भी बंगाल और बांग्लादेश से जुड़ाव है. इस सेवा के शुरू होने से इस इलाके के लोगों को बहुत बड़ी सहूलियत मिल जाएगी.
कोलकाता-अगरतला-ढाका मार्ग पर दो बसें होंगी जिसमें एक को पश्चिम बंगाल सरकार चलायेगी और दूसरी त्रिपुरा सरकार. ढाका-शिलांग-गुवाहाटी मार्ग पर एकमात्र बस बांग्लादेश की सरकार चलायेगी. शुरु में इस मार्ग पर बसें सप्ताह में तीन दिन चलेंगी जिनमें से प्रत्येक गुवाहाटी और ढाका से चलेंगी.
कोलकाता-ढाका-अगरतला सेवा शुरु होने से पश्चिम बंगाल और भूमि से घिरे (लैंडकॉक्ड) त्रिपुरा राज्य के बीच की दूरी 560 किलोमीटर कम हो जायेगी- त्रिपुरा तीन ओर से बांग्लादेश से घिरा हुआ है. अभी ढाका-कोलकाता और ढाका-अगरतला के बीच अलग अलग बस सेवाएं चल रही हैं.
भारत और बांग्लादेश रेल सम्पर्क को भी मजबूत बनाने को उत्सुक है विशेष तौर पर 1965 से पूर्व के रेल सम्पर्क को फिर से शुरु करने को लेकर.
दोनों देश तटीय पोत परिवहन समझौता भी करने को तत्पर हैं ताकि भारत से बांग्लादेश के विभिन्न बंदरगाहों तक छोटे पोतों के आवागमन की सुविधा तैयार की जा सके जो अभी सिंगापुर होते हुए जाते हैं. भारत यह महसूस करता है कि बांग्लादेश के साथ सम्पर्क बढाने से पूर्वोत्तर क्षेत्र का दक्षिण पूर्व एशिया के साथ सम्पर्क बनाने में मदद मिलेगी.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआज राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में अद्भुत वीरता का प्रदर्शन करने और बलिदान देने वाले सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करके की- इस मुक्ति संग्राम में भारत ने भी मदद की थी.
मोदी यहां बंगबंधु स्मारक संग्रहालय भी गए जो बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को समर्पित है. इससे पहले मोदी के ढाका पहुंचने पर उनका शानदार स्वागत किया गया. प्रोटोकॉल से अलग हटते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हजरत शाहजलाल हवाई अड्डे पर उनकी आगवानी की. इस यात्रा के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि ढाका में जगह जगह मोदी के बडे बडे चित्रों के साथ ममता और हसीना के कटआउट लगाए गए हैं. ममता कल रात ही यहां पहुंची.

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