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भारत के दावे पर म्यांमार ने उठाए सवाल, कहा- हमारी सीमा में उग्रवादियों को नहीं मारा गया, डोभाल जायेंगे म्यामांर

यंगून: म्यामांर ने बुधवार को कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों ने भारत की सीमा के भीतर उग्रवादियों पर हमले किए और पडोसी देशों पर हमले के लिए उग्रवादियों को यहां की सरजमीं का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा. अपने फेसबुक पोस्ट में म्यामांर के राष्ट्रपति कार्यालय के निदेशक जाव ते ने कहा, ‘‘तातमदाव (म्यामांर की […]

यंगून: म्यामांर ने बुधवार को कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों ने भारत की सीमा के भीतर उग्रवादियों पर हमले किए और पडोसी देशों पर हमले के लिए उग्रवादियों को यहां की सरजमीं का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा.

अपने फेसबुक पोस्ट में म्यामांर के राष्ट्रपति कार्यालय के निदेशक जाव ते ने कहा, ‘‘तातमदाव (म्यामांर की सेना) की बटालियन की ओर से भेजी गई सूचना के अनुसार हमें पता चला है कि भारत-म्यामांर सीमा पर भारतीय क्षेत्र में सैन्य अभियान को अंजाम दिया गया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘म्यामांर ऐसे किसी विदेशी को स्वीकार नहीं करेगा जो हमारे सीमा क्षेत्र का इस्तेमाल करके पडोसी देशों पर हमले करें और समस्याएं पैदा करें.’’ म्यामांर सरकार की ओर से यह आधिकारिक बयान उस वक्त आया है जब भारत में सरकार की ओर से कहा गया है कि सेना के विशेष बलों ने म्यामांर की सीमा के भीतर उग्रवादियों के दो शिविरों को नष्ट करने के लिए सटीक हमला किया.

वहीं पाकिस्तान ने इस पर प्रतिक्रिया दी है कि हम म्यांमार नहीं है कि कोई हमारी सीमा में घुसकर इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दे दे.

डोभाल भविष्य की संयुक्त कार्रवाई पर विचार विमर्श के लिए जायेंगे म्यामांर

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल विद्रोहियों के विरुद्ध भविष्य में और ‘‘संयुक्त कार्रवाई’’ को अंजाम देने के बारे में विचार विमर्श के लिए जल्द ही म्यामांर जायेंगे. इस जानकारी का खुलासा बुधवार को तब किया गया जबकि एक दिन पहले ही भारतीय सेना ने पडोसी देश में विद्रोहियों के खिलाफ सटीक हमला किया था. उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया भारत-म्यामांर सीमा पर मंगलवार को हुए अभियान की योजना में समीप से जुडे रहे डोभाल इस यात्रा पर जायेंगे ताकि पूर्वोत्तर के विद्रोहियों के खिलाफ भविष्य में संयुक्त कार्रवाई के लिए वहां अधिकारियों के साथ विचार विमर्श किया जा सके.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारें एवं सेनाएं इस मुद्दे पर नजदीकी एवं निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं. म्यामांर में भारत के राजदूत गौतम मुखोपाध्यान ने राजधानी ने पी ताओ में म्यामांर की सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभियान पश्चात की स्थिति का जायजा लिया. सूत्रों ने बताया कि मंगलवार के हमले के लिए भारत ने सीमा सहयोग के बारे में म्यामांर के साथ मई 2014 में हुए सीमा समझौते का सहारा लिया.

भारत एवं म्यामांर ने पिछले साल आठ मई को सीमा सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये थे. इसमें सुरक्षा सहयोग का प्रारुप बनाया गया और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान का प्रावधान किया किया गया. इस करार का एक प्रमुख प्रावधान है कि दोनों देशों के सशस्त्र बल अंतरराष्ट्रीय सीमा के अपने अपने क्षेत्रों एवं समुद्री सीमाओं में समन्वित गश्त करेंगे. सूर्योदय से पहले सीमा पार हुए इस अभियान में सेना के प्रख्यात कमांडो ने वायु सेना के साथ तालमेल कर म्यामांर की भूमि पर विद्रोहियों के दो शिविरों को नष्ट कर दिया. इन शिविरों में एनएससीएन (के) एवं केवाईकेएल संगठनों के वे संदिग्ध विद्रोही छिपे थे जिन्होंने पिछले हफ्ते मणिपुर एवं अरुणाचल प्रदेश में हमले किये थे.

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