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अफगानिस्तान की संसद पर तालिबान आतंकियो ने किया हमला, मारे गये सभी छह आतंकी

अफगानिस्तान की राजधानी में काबूल से मिल रही खबरों के अनुसार संसद पर तालिबान के आतंकियों ने हमला कर दिया है. टीवी चैनल अलजजीरा ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से खबर दी की इस हमले को फिदायिनों ने अंजाम दिया है. अफगानिस्तान सरकार ने बयान जारी करके बतया कि आतंकी संसद के अंदर नहीं घुस पाये. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2015 12:11 PM

अफगानिस्तान की राजधानी में काबूल से मिल रही खबरों के अनुसार संसद पर तालिबान के आतंकियों ने हमला कर दिया है. टीवी चैनल अलजजीरा ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से खबर दी की इस हमले को फिदायिनों ने अंजाम दिया है. अफगानिस्तान सरकार ने बयान जारी करके बतया कि आतंकी संसद के अंदर नहीं घुस पाये. ताजा खबरों के अनुसार सभी छह आतंकी मारे गये और पुलिस कार्रवाई खत्म हो चुकी है . हालांकि सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस आसपास के इलाकों में सर्च अभियान चला रही है.

अलजजीरा की रिपोर्टर जेनिफर ने भी इस हमले पर ट्वीट करके जानकारी दी कि हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है . संसद भवन के बाहर अभी भी धुएं का गुबार फैला है और गोलियों की आवाज आ रही है. कई जगहों पर कार में भी ब्लास्ट किया गया है और कार के जलने के दृश्य देखे जा सकते है.

टीवी चैनल के अनुसार अफगानिस्तान सरकार ने माना है कि अब स्थिति काबू में है. इस पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया गया है. अफगानिस्तान के संसद पर हमले की तस्वीरें पत्रकार मोहम्मद रादमनीष ने ट्वीटर अकाउंट पर साझा की है.

जैसे ही यह हमला हुआ संसद के अंदर तक धुआं फैल गया और सांसद अपनी जान बचाकर भागे. अन्य स्त्रोत से मिल रही जानकारी के अनुसार सभी सांसद सुरक्षित है.

कैसे हुआ हमला

अफगानिस्तान के संसद पर हमले की पूरी खबर अबतक नहीं आ पायी लेकिन स्थानीय न्यूज चैनल से मिल रही खबरों के अनुसार सबसे पहले कुछ फिदायिन संसद परिषर के मुख्य गेट के पास आये और ब्लास्ट किया. इस ब्लास्ट के बाद कई आतंकी संसद परिषर में घुसने की कोशिश करने लगे. हालांकि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने के कारण वह अंदर नहीं जा सके लेकिन अभी भी आतंकियों के आसपास के इलाके में छुपे होेने की खबर है. सूत्रों की मानें तो अभी भी इस इलाके में छह से सात फिदायिन है .स्थानीय न्यूज चैनल टोलो न्यूज ने भी खबर दी कि इस हमले में 30 से 40 लोग घायल हुए है.

ट्वीट कर तालिबान ने ली हमले की जिम्मेदारी

यह धमाका उस वक्त हुआ जब रक्षा मंत्री पद के लिए अफगान राष्ट्रपति की ओर से नामांकित प्रतिनिधि के बारे में संसद में परिचय दिया जा रहा था.काबुल में इतने महत्वपूर्ण स्थान पर हुए इस हमले ने नाटो की मदद के बिना तालिबान के खिलाफ अफगान सुरक्षा बलों की लडाई के बीच यहां की सुरक्षा को लेकर नए सिरे से सवाल खड़े कर दिए हैं.तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने ट्वीट किया, ‘‘कई मुजाहिदीन संसद की इमारत में दाखिल हो गए हैं. भीषण संघर्ष चल रहा है. उसने कहा, ‘‘हमला उस वक्त किया गया जब रक्षा मंत्री के बारे में परिचय दिया जा रहा था.’’

घायलों की पुष्टि नहीं

काबुल में पुलिस ने कहा कि तालिबान चरमपंथियों ने संसद भवन की सुरक्षा में सेंध लगा दी है और हताहतों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. इमारत से धुआं उठता दिखाई दिया.पुलिस के प्रवक्ता अब्दुल्ला करीमी ने बताया, ‘‘संसद पर तालिबान ने हमला किया है. वे संसद के भीतर नहीं हैं, लेकिन वे संसद भवन के बाहर किसी स्थान पर हैं.’’

रमजान के महीने में हमले ना करने के आग्रह को किया दरकिनार

आतंकवादियों ने अप्रैल के आखिर में राष्ट्रव्यापी स्तर पर हमले शुरु किए थे. उन्होंने सरकार और विदेशी स्थानों को निशाना बनाया है.तालिबान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के प्रमुख मौलवियों के उस आग्रह भी दरकिनार कर दिया है कि वे रमजान के महीने में हमले नहीं करें.अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के मुताबिक आतंकवादी हमलों में बढोतरी से मारे जाने वाले आम अफगानवासियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. उसने कहा कि इस साल के शुरुआत चार महीनों में करीब 1,000 नागरिक मारे गए हैं. आतंकवादियों के हमलों पर अंकुश लगाने में विफलता को लेकर राष्ट्रपति अशरफ गनी को आलोचना का सामना करना पडा है.

सुरक्षा में चूक एक बड़ी वजह

संसद पर आतंकी हमला बहुत तगड़ा हमला माना जा रहा है हालांकि अबतक इस हमले में किसी के घायल होने की खबर नही है लेकिन इस तरह के हमले की पहले भी कोशिश की जा चुकी है. इस बार आतंकी हमले को अंजाम देने में इसलिए सफल हो गये क्योंकि इस बार सूरक्षा में बड़ी चूक का फायदा उन्हें मिले संसद परिसर तक फिदायिन कैसे घुसे यह तो जांच के बाद ही साफ हो पायेगा लेकिन सुरक्षा अधिकारी मानते हैं कि यह मौका आतंकियों को सुरक्षा में चूक के कारण ही मिला है.

आईएस और तालिबानी आतंकी के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी है बड़ा कारण

इस्लामिक स्टेट और तालिबानी आतंकी अफगानिस्तान में अपना वर्चस्व कायम करना चाहते है पिछले दिनों आईएस ने कुछ तालिबानी आतंकियों पर हमला करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. दोनों के बीच इलाके में अपने दबदबे को कायम करने की एक होड़ मची है. इस तरह के हमले करके तालिबान अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है.

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