चीन का पीओके में निवेश पाक की संप्रभुता को मान्यता नहीं

बीजिंग: दक्षिण एशिया मामलों के एक शीर्ष चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चीन के अरबों डॉलर के निवेश का यह मतलब नहीं है कि यह उस इलाके में पाकिस्तान की संप्रभुता का समर्थन करता है. उसका मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है. सरकार से संबद्ध इंस्टीट्यूट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2015 5:11 AM

बीजिंग: दक्षिण एशिया मामलों के एक शीर्ष चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चीन के अरबों डॉलर के निवेश का यह मतलब नहीं है कि यह उस इलाके में पाकिस्तान की संप्रभुता का समर्थन करता है. उसका मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है.

सरकार से संबद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्ट्रैटेजी स्टडीज में दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ ये हेईलीन ने कहा, यह नहीं सोचिए कि उनके (पाकिस्तान के) संप्रभुता के अनुरोध को पीओके में हमारी मौजूदगी या आर्थिक गतिविधि हमारा समर्थन है. यदि भारत कश्मीर के लिए अपने क्षेत्र को खोलता है तो चीनी कंपनियां वहां निवेश करने में खुशी महसूस करेंगी.

उन्होंने कहा कि चीन इस्लामाबाद के साथ व्यापारिक संबंध विकसित करने के लिए ही सिर्फ पीओके में निवेश कर रहा है और वह भारत के कश्मीर में भी निवेश कर कहीं अधिक खुशी महसूस करेगा.

ये ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बात करते हुए कहा कि पीओके में महज निवेश करने का यह मतलब नहीं है कि चीन इलाके में पाक की संप्रभुता को पूरी तरह से स्वीकार करता है. उसका मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है.

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