वाशिंगटन: अमेरिका में बजट पर राजनीतिक गतिरोध के चलते संघीय सरकारी के तमाम विभागों की बंदी के आज 5वें दिन भी इस समझौते के आसार नहीं दिख रहे थे. इस बीच राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने रख पर कायम रहते हुए कहा कि वह इस संकट को खत्म करने के लिए कोई ‘फिरोती देने’ को तैयार नहीं है.उन्होंने कहा कि संसद को बजट बिना लाग लपेट के पारित करना चाहिए क्यों कि ऐसा न हुआ तथा देश अपने रिणों की अदायगी में चूक किया तो इसका बहुत तेजी से और बहुत बुरा आर्थिक असर होगा. सरकार की रिण सीमा बढाने के प्रस्ताव पर संसद की मंजूरी का समय तेजी से निकलता जा रहा है और 17 तारीख तक ऐसा न हुआ तो अमेरिकी सकरार रिणों की अदायगी से चूक सकती है. देश में 17 साल बाद ऐसी परिस्थिति पैदा हुई है.
ओबामा ने देश के नाम अपने साप्ताहिक संबोधन में कहा है, े इस अविचारी तथा नुकसानदायक बंदी से निकलने का एक ही रास्ता है: बिना लाग लपटे के बजट पारित करें जो हमारी सरकार को धन उपलब्ध कराए. उन्होंने फिर स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर वे अपने रख में कोई बदलाव नहीं लाएंगे. ओबामा ने आगाह किया, सरकारी कामकाज को ठप करना जितना गैरजिम्मेदारना काम है, उसके साथ रिण अदायगी में चूक से होने वाली आर्थिक बंदी की स्थिति का परिणाम बहुत तेजी से बड़ा बुरा होगा.
प्रतिनिधि सभा के स्पीकर जान बोएह्नर ने अपनी पार्टी के साथियों के साथ बैठक के बाद इस बात के कोई संकेत नहीं दिए कि यह गतिरोध कैसे दूर होगा.