एचआईवी के शुरुआती इलाज से टीबी से पीड़ित मरीजों की बच सकती है जान

वाशिंगटन: दो हफ्तों के भीतर एचआईवी रोधी इलाज शुरु करने से दोनों संक्रमणों से ग्रस्त और कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले मरीजों के बचने की संभावनाएं बढ जाती हैं. एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है. हालांकि जिनकी प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत होती है वह एचआईवी रोधी उपचार शुरु करने से पहले छह महीने तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 11, 2015 11:29 AM

वाशिंगटन: दो हफ्तों के भीतर एचआईवी रोधी इलाज शुरु करने से दोनों संक्रमणों से ग्रस्त और कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले मरीजों के बचने की संभावनाएं बढ जाती हैं.

एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है. हालांकि जिनकी प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत होती है वह एचआईवी रोधी उपचार शुरु करने से पहले छह महीने तक टीबी का इलाज खत्म होने के बाद तक इंतजार कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ पीट्सबर्ग ग्रेजुएट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के सहायक प्रोफेसर और वरिष्ठ अध्ययनकर्ता ज्यां बी नचेगा ने कहा कि एचआईवी और टीबी का साथ साथ इलाज कई कारणों से चुनौतीपूर्ण है. इन कारणों में मरीजों के लिए दोनों संक्रमणों के लिए कई बार कई दवाएं लेना, दवाओं के बीच अंत: क्रिया और परस्पर व्याप्त दुष्प्रभाव शामिल हैं.
नचेगा ने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्तमान दिशानिर्देशों के तहत टीबी का इलाज पहले शुरु करने की सिफारिश की गयी है जिसके बाद कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली वाले मरीजों के दो से आठ हफ्तों के भीतर जल्द से जल्द एचआईवी का इलाज शुरु करने के लिए कहा जाता है.’’ अध्ययनकर्ता दल ने अध्ययन के लिए एशिया, अफ्रीका और अमेरिका में 4,500 से अधिक लोगों के आंकडों का अध्ययन किया.

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