तजाकिस्तान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दोनों देशों के संबंध मजबूत करने पर दिया जोर
दुशांबे(तजाकिस्तान) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्गिजस्तान की यात्रा के बाद अपनी विदेश यात्रा के आखिरी पड़ाव ताजिकिस्तान पहुंचे. यहां प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री ने तजाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने और संबंध और बेहतर करने पर चर्चा की. इससे पहले ताजिकिस्तान के दौरे […]
दुशांबे(तजाकिस्तान) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्गिजस्तान की यात्रा के बाद अपनी विदेश यात्रा के आखिरी पड़ाव ताजिकिस्तान पहुंचे. यहां प्रधानमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया.
Sitting down to talk India-Tajikistan cooperation. PM @narendramodi meets President Rahmon. pic.twitter.com/5pMfqyTpZ9
— PMO India (@PMOIndia) July 13, 2015
प्रधानमंत्री ने तजाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने और संबंध और बेहतर करने पर चर्चा की. इससे पहले ताजिकिस्तान के दौरे पर नवंबर 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री के तौर पर यात्रा पर गये थे. छह देशों की आठ दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत और तजाकिस्तान के संबंधों को विभिन्न क्षेत्रों में नई उंचाइयों पर ले जाने की पुरजोर वकालत की.
प्रधानमंत्री मोदी किर्गिस्तान से कल रात तजाकिस्तान की राजधानी पहुंचे. तजाकिस्तान के नेतृत्व के साथ विभिन्न मुद्दों पर वार्ताओं से पहले उनका यहां विधिवत स्वागत किया गया.प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘इस यात्रा के जरिए मैं तजाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों को नई उंचाइयों पर ले जाना चाहता हूं और सहयोग के स्तर को विस्तार देना चाहता हूं.’’ वह राष्ट्रपति इमामअली रहमान के साथ साझा हित के विभिन्न क्षेत्रीय, द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चाएं करेंगे.
अधिकारी ने कहा कि तजाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ लगभग 1500 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. इसलिए अफगानिस्तान में होने वाली घटनाओं से इस क्षेत्र की भी और भारत की भी चिंताएं जुडी हैं.भारत क्षेत्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चाएं करने का इंतजार कर रहा है. इनमें विशेष तौर पर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के संदर्भ में चर्चा शामिल है, जो कि आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों को लेकर बना क्षेत्रीय सुरक्षा समूह है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की तजाकिस्तान यात्रा भारत के लिए राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही लिहाज से रणनीतिक महत्व रखती है.
तजाकिस्तान प्रधानमंत्री मोदी की आठ दिवसीय यात्रा का यह अंतिम चरण है. इससे पहले वह मध्य एशिया के उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान की यात्रा कर चुके हैं और रुस में एससीओ एवं ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत कर चुके हैं.यहां पहुंचने के कुछ ही समय बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘तजाकिस्तान पहुंच चुका हूं. शानदार स्वागत के लिए मैं प्रधानमंत्री काहिर रसूलजदा का धन्यवाद करता हूं.’’
Ceremonial welcome for PM @narendramodi in Tajikistan. pic.twitter.com/dp6qQPyCQr
— PMO India (@PMOIndia) July 13, 2015
इससे पहले प्रधानमंत्री किर्गिजस्तान के दौरे पर थे. यहां उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद की बढती प्रवृत्ति पर गहरी चिंता जताते हुए भारत और किर्गिजस्तान ने आपसी रक्षा सहयोग को बढाने और वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास करने सहित चार समझौतों पर आज हस्ताक्षर किए.
मध्य एशिया औररूसकी आठ दिवसीय यात्रा के क्रम में किर्गिजस्तान की राजधानी पंहुचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां के नेतृत्व से बातचीत के दौरान आतंकवाद और उग्रवाद को ‘‘बिना सरहदों वाला खतरा’’ बताते हुए इससे लडने की आवश्यकता पर जोर दिया था.
उन्होंने कहा, ‘‘ हम दोनों अपने क्षेत्र में चुनौतियों के समय में शांतिपूर्ण और सुरक्षित पडोस को सुनिश्चित करने की कामना करते हैं. आतंकवाद तथा उग्रवाद से लडने में हमारे साझा हित हैं, क्योंकि ये बिना सरहदों वाला एक बडा खतरा बन गया है.’’ किर्गिज राष्ट्रपति अल्माजबेक अतामबायेव के साथ वार्ता के बाद चार समझौतों पर हस्ताक्षर करने के पश्चात दिये अपने बयान में मोदी ने यह बात कही.
Ceremonial welcome for PM Narendra Modi in Dushanbe (Tajikistan) pic.twitter.com/GQIxRDHtK6
— ANI (@ANI) July 13, 2015