सीरिया में शस्त्र निरीक्षकों को करना पड़ेगा खतरों का सामना : बान

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि सीरिया के रसायनिक हथियारों को नष्ट करने के अभियान के तहत करीब 100 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को वहां खतरे के बीच एक साल तक रहना होगा. बान ने विश्व संस्था की सुरक्षा परिषद को दी गई एक रिपोर्ट में कल कहा, ‘‘इस अभियान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2013 11:14 AM

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा है कि सीरिया के रसायनिक हथियारों को नष्ट करने के अभियान के तहत करीब 100 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को वहां खतरे के बीच एक साल तक रहना होगा.

बान ने विश्व संस्था की सुरक्षा परिषद को दी गई एक रिपोर्ट में कल कहा, ‘‘इस अभियान के लिए एक कार्यप्रणाली बनानी होगी जिसका उपयोग पहले कभी नहीं हुआ.’’संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा 27 सितंबर को पारित प्रस्ताव के मुताबिक, विश्व संस्था और ‘ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन्स’ :ओपीसीडब्ल्यू: राष्ट्रपति बशर अल-असद के रासायनिक हथियारों को नष्ट करने के लिए संयुक्त रुप से अभियान चलाएंगे.

अगस्त में दमिश्क के समीप रासायनिक हथियार के हमले के बाद रुस और अमेरिका लगातार कोशिश कर रहे हैं कि सीरिया अपने इन हथियारों को खत्म कर दे. रासायनिक हथियारों के हमले में सैकड़ों लोग मारे गए थे. ओपीसीडब्ल्यू का एक छोटा दल सीरिया पहुंच कर वहां हथियार उत्पादन सुविधाओं को नष्ट कर रहा है. बान ने इसके लिए सौ विशेषज्ञों को बढ़ाए जाने की सिफारिश की है जिन्हें अधिकतम एक साल तक सीरिया में रहना होगा.

अभियान का मुख्यालय दमिश्क में और सहायक कार्यालय साइप्रस में होगा. ओपीसीडब्ल्यू और सुरक्षा परिषद की मंजूरी प्राप्त रुस-अमेरिकी योजना के तहत रासायनिक हथियारों को वर्ष 2014 के मध्य तक नष्ट कर दिया जाएगा.

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