अबू धाबी :प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सामरिक रुप से महत्वपूर्ण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय यात्रा पर आज यहां पहुंचे जहां वह इस देश के साथ व्यापार और आतंकवाद विरोधी मुहिम जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के अलावा भारत को एक आकर्षक निवेश स्थल के रुप में पेश करेंगे.
यहां पहुंचने पर अरबी में मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, खुशामदीद यूएई. मैं इस यात्रा को लेकर बहुत आशावान हूं. मुझे विश्वास है कि इस यात्रा के नतीजों से भारत और यूएई के संबंधों को बढावा मिलेगा. मोदी 34 वर्ष बाद यूएई की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं. यहां पहुंचने पर हवाई अड्डे पर अबू धाबी के शहजादे और उनके पांच भाइयों ने प्रोटोकाल से हटते हुए मोदी का स्वागत किया. इससे पहले इस साल मई में शहजादे ने मोरक्को के बादशाह का स्वागत किया था.
मोदी ने ट्वीट करके कहा, मैं महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नह्यान द्वारा मेरा हवाई अड्डे पर स्वागत किये जाने का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं. हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का पारंपरिक रुप से स्वागत भी किया गया.
मोदी ने एक स्थानीय दैनिक को दिये अपने इंटरव्यू में कल यूएई के शीर्ष नेतृत्व से होने वाली अपनी वार्ता के एजेंडा का स्पष्ट संकेत दिया था. उसमें प्रधानमंत्री ने कहा है कि वह चाहते हैं कि यूएई व्यापार और आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में भारत का अग्रणी साझेदार बने. मोदी ने कहा कि क्षेत्र में उग्रवाद सहित सुरक्षा और सामरिक मामलों में दोनों देशों की साझा चिंताएं हैं.
अबू धाबी के शहजादे एवं यूएई के सशस्त्र बल के उपकमांडर के साथ चर्चा के अलावा प्रधानमंत्री मोदी कल दुबई के प्रधानमंत्री और शासक मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से बातचीत करेंगे. मोदी ने साक्षात्कार में कहा था, हमारा इस क्षेत्र में आतंकवाद, चरमपंथ समेत व्यापक साझा सुरक्षा और सामरिक चिंताएं हैं. ऐसे में भारत और यूएई की दूसरे के प्रति शीर्ष प्राथमिकताएं हैं. मैं यूएई को इस दृष्टि से देखता हूं. भारत के आर्थिक, उर्जा और सुरक्षा हितों के लिए खाडी क्षेत्र महत्वपूर्ण है.
मोदी ने आगे कहा कि वह तेजी से बढती इस अरब अर्थव्यवस्था और इसके दूरदर्शी और व्यवहारिक नेतृत्व के साथ सुरक्षा, उर्जा और निवेश के क्षेत्रों में खासतौर पर सामरिक साझेदारी को बढ़ाने को इच्छुक हैं. उर्जा और व्यापार में सहयोग बढाने के अलावा मोदी भारत को निवेशकों के समक्ष एक आकर्षक निवेश स्थल के रुप में पेश करेंगे. अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के महानिदेशक हामिद बिन जायेद अल नह्यान ने मोदी के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया है.
एडीआईए 800 अरब डालर का स्वतंत्र कोष है और भारत ढांचागत क्षेत्रों में इससे निवेश का आकांक्षी है. 1970 के दशक में भारत और यूएई के बीच कारोबार 18 करोड़ डालर था जो आज बढ़कर 60 अरब डालर हो चुका है. चीन और अमेरिका के बाद 2014-15 में यूएई, भारत का तीसरा सबसे बडा व्यापारिक साझेदार है. अपनी यात्रा के दौरान मोदी उर्जा और व्यापार के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को बढावा देने के अलावा भारत को एक आकर्षक व्यापारिक स्थल के रुप में निवेशकों के समक्ष पेश करेंगे.
इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री के रुप में 1981 में इंदिरा गांधी यूएई गई थीं. मोदी की इस यात्रा को भारत और यूएई के बीच व्यापार एवं सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों को और प्रगाढ बनाने के प्रयास के रुप में देखा जा रहा है. मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह चाहते हैं कि यूएई आतंकवाद विरोधी मुहिम में भारत का अग्रणी सहयोगी बने.
यूएई की शानदार उपलब्धियों पर मोदी ने कहा कि यह खाडी देश मरुस्थल पर बना एक स्वर्ग है. जो अतुलनीय दृष्टि और कौशल का प्रतीक है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं हमेशा सोचता था कि एक मरुस्थल में यह जन्नत कैसे बन सकती है ? क्या दृष्टि है, क्या शानदार कौशल है. अपनी यात्रा से पहले मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात को एक महत्वपूर्ण सहयोगी बताते हुए कहा था कि दोनों देशों के गहरे रिश्ते इस बात से जाहिर होते हैं कि यूएई, भारत का खाडी देशों में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है.
यूएई में अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम के तौर पर प्रधानमंत्री शेख जायेद मुख्य मस्जिद जायेंगे. यह यूएई की प्रमुख इबादतगाहों में से एक है और यह इस्लामी वास्तुशिल्प के लिए विश्वविख्यात है. यह मस्जिद सउदी अरब के मक्का और मदीना के बाद दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है. इसका नामकरण यूएई के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति दिवंगत शेख जायेद बिन सुल्तान अल नह्यान पर रखा गया है.
मस्जिद में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के समय को इस तरह से तय किया गया है कि उस समय नमाज का वक्त न हो. मस्जिद को देखने के बाद मोदी का आईकैड परिसर में भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने का कार्यक्रम है. यूएई के शहजादे से कल यहां बातचीत के बाद प्रधानमंत्री कुछ घंटों के लिए दुबई जायेंगे. दुबई में वह यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मुहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मिलेंगे और विश्व की सबसे बड़ी इमारत बुर्ज खलीफा जायेंगे. इसके अलावा वह दुबई क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे.