मोदी की यूएई यात्रा संबंधों में एक नया अध्याय शुरु करने का एक मौका
अबुधाबी : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली यूएई यात्रा विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए एक नया खाका तैयार करने का एक रणनीतिक अवसर उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवाद से […]
अबुधाबी : संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली यूएई यात्रा विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए एक नया खाका तैयार करने का एक रणनीतिक अवसर उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवाद से मुकाबला करने, रक्षा एवं अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न क्षेत्रों में नया अध्याय शुरु कर सकते हैं.
खलीज टाइम्स ने अल नाहयान के हवाले से लिखा है, हमारे साझा मूल्य एवं मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण आधार पर यूएई और भारत अपने संबंध को नई उंचाइयों पर ले जाकर एक व्यापक रणनीतिक साझीदारी में तब्दील कर सकते हैं.
चौंतीस साल में एक भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूएई यात्रा पर उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूएई यात्रा 21वीं सदी के लिए हमारी साझीदारी में एक नया अध्याय शुरु करने का अवसर उपलब्ध कराती है. हम पारस्परिक हित में आर्थिक, राजनीतिक एवं सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुडे मुद्रों में एक-दूसरे के साथ विचारों का आदान प्रदान करने की उम्मीद करते हैं.
उन्होंने स्वीकार किया कि मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कि द्विपक्षीय संबंधों में सबसे अधिक उत्साह है. अल नाहयान ने कहा, ह्यह्य प्रधानमंत्री की यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक महत्व रखती है. आतंकवाद से लडने और जहाजरानी के क्षेत्र में यूएई-भारत के बीच सुरक्षा सहयोग के जबरदस्त अवसर हैं और दोनों देशों की सरकारें सभी रुपों में आतंकवाद की भर्त्सना करती हैं. एक विदेश नीति व क्षेत्रीय सुरक्षा के नजरिए से यूएई ने भारत को अपनी अंतरराष्ट्रीय साझीदारी में आगे रखा है और भारत के साथ आपसी वार्ता को और विस्तृत करने के महत्व को पहचानता है.
अल नाहयान ने भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में कहा कि दोनों देशों के बीच एक जबरदस्त आर्थिक संबंध है जो हाल ही में किए गए विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों से रेखांकित होता है. इन समझौतों में दोहरा कराधान बचाव संधि शामिल है.
उन्होंने कहा, यूएई को यूएई-भारत संयुक्त समिति की 3 सितंबर, 2015 को होने वाली अगली बैठक से काफी उम्मीदें हैं. इस बैठक में यह जानने का अवसर मिलेगा कि हम अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं. मंत्री ने कहा कि भारत यूएई के लिए दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है. यूएई की कंपनियों का भारत में काम करने का एक लंबा इतिहास रहा है और इसी तरह करीब 45,000 भारतीय कंपनियां यूएई में सफलतापूर्वक परिचालन कर रही हैं.