ग्रामीणों ने दुर्घटनाग्रस्त इंडोनेशियाई विमान का मलबा पाया

जकार्ता : इंडोनेशिया के सुदूरपूर्व में 54 लोगों के साथ आज लापता हुए एक विमान का मलबा ग्रामीणों ने पाया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. तलाश एवं बचाव एजेंसी ने बताया कि इंडोनेशियाई करियर त्रिगण एयर द्वारा संचालित विमान ने पापुआ प्रांत की राजधानी जयपुरा से उड़ान भरने के बाद दोपहर तीन बजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2015 10:47 PM

जकार्ता : इंडोनेशिया के सुदूरपूर्व में 54 लोगों के साथ आज लापता हुए एक विमान का मलबा ग्रामीणों ने पाया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. तलाश एवं बचाव एजेंसी ने बताया कि इंडोनेशियाई करियर त्रिगण एयर द्वारा संचालित विमान ने पापुआ प्रांत की राजधानी जयपुरा से उड़ान भरने के बाद दोपहर तीन बजे से पहले यातायात नियंत्रण खो दिया.

इसने बताया कि विमान में 49 यात्री और चालक दल के पांच सदस्य सवार थे. यह 42 मिनट की अपनी निर्धारित यात्रा पर था. यात्रियों में शामिल पांच बच्चों में तीन नवजात थे. यात्रा में करीब 45 मिनट लगने थे. लेकिन यह अपने गंतव्य ओक्सीबिल पहुंचने से 10 मिनट पहले ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

अधिकारियों ने बताया कि शुरुआत में ओकबेप जिले में ग्रामीणों ने दुर्घटनाग्रस्त विमान को देखने की बात कही. परिवहन मंत्रालय ने बाद में बताया कि स्थानीय बाशिंदों ने मलबा पाया है. परिवहन मंत्रालय में वायु यातायात के महानिदेशक ने बताया कि बाशिंदों के मुताबिक विमान को ग्रामीणों ने ढूंढ लिया है. यह विमान पहाडों में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था.
उन्होंने बताया कि अधिकारी स्थानीय लोगों से मिली सूचना का अब तक सत्यापन कर रहे हैं. किसी के जीवित बचे होने के बारे में कोई सूचना नहीं है. परिवहन मंत्रालय के प्रवक्ता जेऐ बराता ने बताया कि तलाश एवं बचाव टीम, पुलिस और सेना यथाशीघ्र कल दुर्घटनास्थल पर जाएगी. विमान के उतरने में नाकाम रहने के बाद त्रिगण एयर ने एक अन्य विमान को इसकी तलाश के लिए भेजा जो खराब मौसम के चलते उसे ढूंढने में नाकाम रहा.
त्रिगण एयर सर्विस के निदेशक कैप्टन बेनी समरयंतो ने बताया कि ओक्सीबिल एक पर्वतीय क्षेत्र है जहां मौसम पूर्वानुमान बहुत जटिल है. यह अचानक कोहरा वाला, घना और तेज हवाओं वाला हो जाता है. उन्होंने कहा, हमारा यह प्रबल संदेह है कि यह मौसम का मुद्दा है. यह जरुरत से ज्यादा यात्री सवार होने का विषय नहीं है क्योंकि विमान में 50 यात्री सवार हो सकते थे. बराता ने बताया इलाके में घने बादल लगे हुए हैं. त्रिगण 1991 में स्थापित हुआ एक छोटा सा एयरलाइन है. इसने परिचालन शुरु करने के बाद से 14 गंभीर हादसों का सामना किया है.

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