अगले महीने भारत और पाक के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की मुलाकात

इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बहाल करने के लिए स्पष्ट योजना बनाने के मकसद से अगले महीने मुलाकात कर सकते हैं.स्थानीय मीडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है, हालांकि इसकी भारतीय उच्चायोग से स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है. एक राजनयिक सूत्र ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2013 3:16 PM

इस्लामाबाद : भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम बहाल करने के लिए स्पष्ट योजना बनाने के मकसद से अगले महीने मुलाकात कर सकते हैं.स्थानीय मीडिया की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है, हालांकि इसकी भारतीय उच्चायोग से स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है. एक राजनयिक सूत्र ने बताया, ‘‘मुलाकात के समय को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.’’ पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच मुलाकात के दौरान नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने का फैसला किया गया था.

दोनों प्रधानमंत्री ने अपने सैन्य अभियान महानिदेशको(डीजीएमओ) को निर्देश दिया जा था कि संघर्ष विराम का उल्लंघन रोकने के लिए एक व्यवस्था बनाई जाए. डीजीएमओ एक दूसरे से हर मंगलवार को हॉटलाइन के जरिए बातचीत करते हैं. समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के अनुसार एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, ‘‘परंतु न्यूयॉर्क में दोनों प्रधानमंत्री ने डीजीएमओ के बीच आमने सामने की मुलाकात पर सहमति जताई थी.’’ पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच मुलाकात के स्थल और व्यवस्था को लेकर अभी फैसला नहीं हुआ है.

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि यह भी स्पष्ट नहीं है कि डीजीएमओ के स्तर पर बातचीत होगी. रिपोर्ट में कुछ अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत के वरिष्ठ अधिकारी नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को बहाल करने के लिए स्पष्ट योजना बनाने के मकसद से अगले महीने मुलाकात कर सकते हैं.

हाल के महीने में नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ गया है. भारत ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी की घुसपैठ में मदद करने का आरोप लगाया है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अपने भारतीय समकक्ष जनरल बिक्रम सिंह की ओर से लगाए गए इस आरोप को ‘दुर्भाग्यपूर्ण, आधारहीन और उकसाने वाला’ करार दिया.

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