इस्लामाबाद: नकदी संकट से घिरा पाकिस्तान कर संग्रह के अभाव तथा कर्ज पर निर्भरता के कारण अस्तित्व संबंधी संकट का सामना कर रहा है.गैर-लाभकारी संगठन रफ्तार की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार वाणिज्यिक कर्ज, रियायती ऋण तथा सहायता पर निर्भर है.
कर-जीडीपी अनुपात महज 9.4 प्रतिशत है और इससे सार्वजनिक कर्ज 17,000 करोड़ रुपये (163 अरब डालर) पहुंच गया है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 232 अरब डालर की है. उस पर कर्ज के बोझ में 2008 के बाद तीन गुना वृद्धि हुई है. सरकार के कर राजस्व का 44 प्रतिशत ब्याज के भुगतान में निकल जाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान इन समस्याओं के कारण ‘अस्तित्व संबंधी संकट’ का सामना कर रहा है.इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में लोग राजस्व भुगतान की अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने के लिये आगे नहीं आ रहे हैं, इसके कारण सरकार को वाणिज्यिक कर्ज तथा सहायता पर निर्भर होना पड़ रहा है.