समलैंगिक जोड़े ने अश्वेत बच्चा होने पर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
अमेरिका में एक महिला ने शुक्राणु बैंक पर मुकदमा ठोंक दिया है. अमेरिका की ओहायो की रहने वाली जेनिफर क्रेम्ब्लेट ने शुक्राणु बैंक पर आरोप लगाया है कि उन्हें गलती से किसी अश्वेत का शुक्राणु दे दिया गया जिससे उन्हें एक अश्वेत बच्चा पैदा हुआ. उन्होंने कहा कि मैंने साफ कहा था कि मुझे एक […]
अमेरिका में एक महिला ने शुक्राणु बैंक पर मुकदमा ठोंक दिया है. अमेरिका की ओहायो की रहने वाली जेनिफर क्रेम्ब्लेट ने शुक्राणु बैंक पर आरोप लगाया है कि उन्हें गलती से किसी अश्वेत का शुक्राणु दे दिया गया जिससे उन्हें एक अश्वेत बच्चा पैदा हुआ. उन्होंने कहा कि मैंने साफ कहा था कि मुझे एक ऐसे व्यक्ति का शुक्राणु चाहिए जो श्वेत हो और उससे मुझे श्वेत बच्चा हो. अंग्रेजी अखबार द गार्डियन और द टाइम्स में छपी खबर के अनुसार
जेनिफर क्रेम्ब्लेट और अमांडा जिंकन समलैंगिक हैं उन्हें अपने रिश्तों को और मजबूत करने के लिए एक बच्चे की आवश्यकता महसूस हुई दोनों ने फैसला लिया कि शुक्राणु बैंक के जरिये वह अपनी इस अधुरी इच्छा को पूरा कर सकते हैं. जेनिफर ने श्वेत बच्चे की चाहत के पीछे का कारण भी बताया कि वह जिस समाज में रहती है वहां अश्वेत बच्चों को अलग दृष्टि से देखा जाता है. हमारे परिवार में उस तरह के संस्कार है ही नहीं की सभी बच्चों को समान नजर से देखा जाए. मैं नहीं चाहती थी कि मेरे बच्चे के साथ कोई ऐसा व्यवहार करे जिससे उसे यह महसूस हो कि वह हमसे अलग है.
जेनिफर ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह यूनिवर्सिटी जाने तक किसी काले व्यक्ति से मिली भी नहीं थीं. उन्हें यह भी डर है कि उनका अपना परिवार भी इस बच्चे को अपनायेगा या नहीं, जेनिफर द्वारा दायर मामले में कहा गया था कि उन्होंने एक संस्थान को 2011 में इस काम के लिए चुना था. उसी वर्ष क्रिसमस के दौरान उन्हें अपनी गर्भावस्था का पता चला था. हालांकि जेनिफर ने यह भी साफ तौर पर कहा कि वह अपने तीन साल के बच्चे को बेहद प्यार करती हैं लेकिन इस संस्थान की वजह से उन्हें काफी मानसिक परेशानी झेलनी पड़ी.शुक्राणु बैंक ने अपनी इस गलती के लिए लिखित में माफी मांगी है और उनसे लिये गये पैसे को भी वापस करने की बात कही है. दूसरी तरफ जेनिफर और उनकी साथी आगे भी कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रही है.