मैन बुकर प्राइज की दौड में भारतीय मूल के लेखक संजीव सहोता
लंदन: प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज की गल्प श्रेणी के लिए वर्ष 2015 के छह चयनित लेखकों में भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक संजीव सहोता का भी नाम है. आज इस आश्य की घोषणा की गई.एक प्रेस वार्ता में निर्णायकों के मुखिया माइकल वुड ने छह नामों की घोषणा की है.डेर्बीशर में जन्मे सहोता की किताब […]
लंदन: प्रतिष्ठित मैन बुकर प्राइज की गल्प श्रेणी के लिए वर्ष 2015 के छह चयनित लेखकों में भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक संजीव सहोता का भी नाम है. आज इस आश्य की घोषणा की गई.एक प्रेस वार्ता में निर्णायकों के मुखिया माइकल वुड ने छह नामों की घोषणा की है.डेर्बीशर में जन्मे सहोता की किताब ‘द इयर ऑफ द रनअवेज’ में 13 युवकों की कहानी है, जो ब्रिटेन के शेफील्ड में एक घर में रहते हैं. इनमें हर कोई भारत से आया है और एक नई जिंदगी की खोज में है.
किताब की कहानी भारत और इंग्लैंड के बीच घूमती रहती है जो किरदारों के बचपन और वर्तमान को बयां करती चलती हैं. यह एक ऐसा परिवार है जिसे हालात ने एक स्थान पर ला दिया है.34 वर्षीय सहोता का जन्म 1981 में डर्बीशर में हुआ। उनका पहला उपन्यास आवर्स आर द स्टरीट्स भी खासा सराहा गया था। अभी वह शेफील्ड में रहते हैं.चयनित सूची में दो लेखक ब्रिटेन से, दो अमेरिका से और एक-एक जमैका और नाईजीरिया से हैं.पहली बार यह पुरस्कार 1969 में दिया गया था.