मुसलमानों ने शुरू किया हज का सफर

मीना: वार्षिक हज यात्रा की शुरूआत के मौके पर डेढ लाख से ज्यादा भारतीय मुसलमानों के साथ ही दुनियाभर से आए लाखों मुस्लिमों ने आज पवित्र शहर मक्का से नजदीकी शहर मीना में जाने की अपनी यात्रा शुरू कर दी. हज यात्रियों ने लब्बेक अल्लाहुम्मा लब्बेक : मैं तुम्हारे पास आया हूं, ऐ मेरे अल्लाह, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2015 4:40 PM

मीना: वार्षिक हज यात्रा की शुरूआत के मौके पर डेढ लाख से ज्यादा भारतीय मुसलमानों के साथ ही दुनियाभर से आए लाखों मुस्लिमों ने आज पवित्र शहर मक्का से नजदीकी शहर मीना में जाने की अपनी यात्रा शुरू कर दी.

हज यात्रियों ने लब्बेक अल्लाहुम्मा लब्बेक : मैं तुम्हारे पास आया हूं, ऐ मेरे अल्लाह, मैं तुम्हारे पास आया हूं: के उच्चारण के साथ बिना सिले सफेद कपडे पहने समूहों में मीना की ओर बढना शुरू कर दिया। मीना को टेंटों का शहर भी कहा जाता है.हज के दौरान पुरुष, दो टुकडों का बिना सिला सफेद कपडा पहनते हैं जो कि पवित्रता का प्रतीक होता है, जबकि महिलाएं भी आमतौर पर सफेद कपडे पहनती हैं और हाथ तथा चेहरे को छोडकर अपने पूरे शरीर को ढके रहती है. इसे अहराम कहा जाता है.
बडी संख्या में हज यात्रियों ने मक्का से मीना की अपनी करीब पांच किलोमीटर की यात्रा कल रात ही शुरू कर दी थी जबकि ज्यादातर लोगों ने आज फज्र (सुबह) की नमाज के बाद अपने सफर की शुरूआत की.ज्यादातर हज यात्रियों ने अपना सफर बसों से शुरू किया जिनका इंतजाम उनके लिए उनके हज मिशनों और सऊदी अरब की सरकार ने किया था. वहीं कुछ ने पैदल ही जाना बेहतर समझा. कुछ हज यात्री व्हीलचेयर पर भी देखे गए.
मीना में भावनात्मक दृश्य भी देखने में आए जब यहां पहुंचे कई हज यात्री अपने आंसू नहीं रोक पाए जबकि कई अन्यों ने अल्लाह का शुक्रिया किया कि अल्लाह ने उनके लिए हज करने को मुमकिन बनाया.हज यात्री मीना में कुरान पढते हुए या नमाजें अदा करके रात गुजारेंगे और फिर कल माउंट आराफात के लिए रवाना होंगे. मीना में हज यात्रियों के ठहरने के लिए एक लाख 60 हजार आग रोधी टेंट हैं. आग से सुरक्षा से उपाय किए गए हैं और पूरी मीना घाटी में पानी की पाइपों का एक एकीकृत नेटवर्क है.
आराफात में नमाजें अदा करने के बाद हज यात्री पास के मुजदाफिला जाएंगे और वहां से मीना घाटी में रस्म में अदा करने के लिए कंकड इकट्ठे करेंगे. इस रस्म के दौरान पहले कई बार भगदड मच चुकी हैं. इससे अगले दिन हज यात्री तीन स्तंभों पर शैतान को सांकेतिक तौर पर कंकड मारेंगे.
कंकड मारने के बाद हजयात्री पशुओं की कुर्बानी वाली रस्म अदा करेंगे जो पैगम्बर इब्राहिम की अपने इकलौते बेटे इस्माइल को अल्लाह को बलिदान देने की रजामंदी की याद में मनाया जाता है.पैगम्बर इब्राहिम जब हजरत इस्माइल को कुर्बान करने के लिए जा रहे थे तो जहां शैतान ने उन्हें अल्लाह के हुक्म का पालन करने से रोकने की कोशिश की थी वहां उन्होंने शैतान को कंकड मारे थे। उसके प्रतीक के तौर पर कंकड मारे जाते हैं.हज यात्रा ईद उल-अजहा के बाद पूरी हो जाएगा .
सऊदी अरब सरकार ने सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं. सरकार ने 20 लाख हज यात्रियों के जीवन में एक बार किए जाने वाले सफर को सुरक्षित बनाने के लिए पवित्र स्थलों पर करीब एक लाख वर्दीधारी कर्मियों को तैनात किया है.सऊदी सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इस साल हज के लिए कुल 13,74,206 हज यात्री विदेशों से पहुंचे हैं.
हज इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है. हर वो मुस्लिम जो आर्थिक और शारीरिक तौर पर सक्षम है उसे कम से कम जीवन में एक बार हज करना चाहिए.प्रतिष्ठित सऊदी विश्लेषक समी अल-नवैसर ने कहा, हज एक ऐसा मौका है जब सारी सरकारी एजेंसियों, मंत्रालयों और हज से जुडे संस्थानों में लगभग आदर्श तालमेल होता है.उन्होंने कहा, हज एक बडा लक्ष्य है और मकसद यह रहता है कि हज कामयाब, आसान और परेशानी मुक्त आयोजित हो. सऊदी अरब के सुल्तान सलमान ने संबंधित एजेंसियों को सभी सेवाएं और सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं ताकि हज यात्री आराम और आसानी से हज की रस्में अदा कर सकें.
पांच दिवसीय हज के लिए तकरीबन डेढ लाख भारतीय भी सऊदी अरब में जुटे हैं. सुरक्षा के लिए जिम्मेदार गृह मंत्रालय ने मक्का और मदीना में पांच हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों में आने वाले दृश्यों की 24 घंटे निगरानी की जाती है.किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने में सुरक्षा बलों की तैयारी का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल मंसूर अल तुर्की ने कहा, ह्यह्य हम सक्रिय हैं, हम सचेत हैं. दस दिन पहले मक्का की मस्जिद अल हराम में तेज हवाओं की वजह से एक बडी क्रेन गिर पडी थी, जिसमें 11 भारतीयों सहित 107 लोगों की मौत हुई थी.

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