डबलिन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए आयरलैंड से भारत का समर्थन करने की अपील की. मोदी ने आयरलैंड के अपने समकक्ष के साथ बातचीत में बढ़ते आतंकवाद एवं कट्टरपंथ समेत वैश्विक चुनौतियों के बारे में व्यापक चर्चा की. भारत के किसी प्रधानमंत्री के रुप में 59 साल बाद आयरलैंड आए नरेन्द्र मोदी ने अपने समकक्ष इंडा केनी से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और उम्मीद जतायी कि भारत की आईटी कंपनियों की जरुरतों के अनुरुप आयरलैंड की वीजा नीति संवेदनशील बनेगी.
दोनों प्रधानमंत्रियों के संयुक्त बयान में मोदी ने दोनों देशों के बीच शीघ्र ही सीधी विमान सेवा शुरु होने की घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र के 70 वर्ष पूरे होने पर वहां आयोजित सत्र को संबोधित करने के लिए अमेरिका के लिए रवाना हुए मोदी ने आयरलैंड में पांच घंटे के अपने संक्षिप्त प्रवास के दौरान यहां के प्रधानमंत्री से सुरक्षा परिषद में समयबद्ध सुधार और इस बारे में अंतर सरकार वार्ता के सफल समापन के वास्ते समर्थन मांगा. मोदी ने कहा, ‘‘ मैं आपसे सुधारों के बाद बनने वाली सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन मांगता हूं.’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने समकक्ष केनी के साथ संयुक्त बयान के दौरान कहा, ‘‘ आतंकवाद, कट्टरवाद और यूरोप एवं एशिया की स्थिति सहित अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से जुडे विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करने से मुझे काफी प्रसन्नता हुई है.’ परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह से वर्ष 2008 में भारत के लिए विशेष छूट दिलाने में आयरलैंड के समर्थन के लिए धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ अब मैं एनएसजी और अन्य अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत की सदस्यता के लिए आयरलैंड का समर्थन मांगता हूं.
भारत की सदस्यता से हमारे द्विपक्षीय संबंध और गहरे होंगे तथा परमाणु अप्रसार के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को और मजबूत करेंगे.’ इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत स्वतंत्रता के समय से ही सार्वभौम परमाणु निरस्त्रीकरण की अग्रणी आवाज रहा है और इस लक्ष्य के प्रति वह मजबूती से प्रतिबद्ध रहेगा. मोदी ने कहा, ‘‘ परमाणु अप्रसार के प्रति हमारी विश्वसनीयता किसी अन्य से कम नहीं है.
‘ व्यापार के क्षेत्र में उन्होंने कहा कि वैश्विक एवं क्षेत्रीय अनिश्चितताओं के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंध बढ़ रहे हैं और दोनों देशों की आर्थिक साझेदारी सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा क्षेत्र, कृषि और स्वच्छ उर्जा जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी पर केंद्रित रहेगी. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ये भी उम्मीद है कि आयरलैंड की वीजा नीति भारत की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों की जरुरतों के प्रति संवेदनशील होगी. मैंने बातचीत में सामाजिक सुरक्षा समझौते को अंतिम रुप दिये जाने के बारे में भी बात की, जिससे दोनों देशों के पेशेवरों को काफी मदद मिलेगी.’
संयुक्त बयान के दौरान आयरलैंड के प्रधानमंत्री इंडा केनी ने गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने में भारत के प्रयासों में सहयोग करने की इच्छा जतायी. उन्होंने यह भी कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संदर्भ में भारत के भू राजनीतिक महत्व को समझते हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की शांति रक्षा अभियानों में भारत और आयरलैंड का बहुत बडा योगदान रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जतायी कि दोनों देशों के सूचना प्रौद्योगिकी से जुडे कार्य समूह शीघ्र ही मिलेंगे और साझेदारी का खाका तैयार करेंगे. उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा शिक्षा ऐसे अन्य क्षेत्र हैं जिनमें भारत और आयरलैंड के सहयोग का अच्छा इतिहास है और इन दोनों क्षेत्रों में हम आगे भी बहुत कुछ कर सकते हैं.
मोदी ने कहा कि कर्नाटक में आयरलैंड का साइंस सेंटर हमारे बीच सहयोग के उदाहरणों में से एक है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एशिया का ऐसा पहला देश था जिससे आयरलैंड ने राजनयिक संबंध स्थापित किये, अब हम एशिया में आपका एक मजबूत सहयोगी बन सकते हैं. साथ ही मैं यूरोप और एटलांटिक के बीच आयरलैंड को भारत के एक द्वार के रुप में देखता हूं. उन्होंने कहा, ‘‘ भारत और आयरलैंड के बीच काफी कुछ साझा है. हमारा साझा औपनिवेशिक इतिहास है. हमारे संविधानों की कुछ पवित्र बातें भी साझा है. भारत के संविधान में राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड के संविधान से प्रभावित है.
‘ प्रधानमंत्री ने एयरइंडिया के विमान कनिष्क के 1985 में एक बम से उडाये जाने के हादसे का जिक्र किया जो आयरलैंड में गिरा था. उन्होंने कहा, ‘‘उस हादसे की 30वीं बरसी पर उसके लिए एक स्मारक बनाने जाने के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं.’ मोदी ने कहा, ‘‘भारत और आयरलैंड एशिया और यूरोप की सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं.
मोदी से पहले प्रधानमंत्री के रुप में आयरलैंड की यात्रा पर जवाहर लाल नेहरु 1956 में आये थे. डबलिन से प्रधानमंत्री मोदी आज शाम न्यूयार्क के लिए रवाना हुए. मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सतत विकास शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे और शांतिरक्षण के विषय पर एक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसकी मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा करेंगे. इसके बाद मोदी अमेरिका के वेस्ट कोस्ट के लिए रवाना होंगे जहां वह सिलिकन वैली में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. इन दो देशों, तीन नगरों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी शीर्ष तकनीकी सीईओ से मुलाकात करेंगे. उनकी यात्रा 29 सितंबर को संपन्न होगी.
* …तो सेकुलरिज्म पर सवाल खडे हो जाते : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आयरलैंड में आयरिश बच्चों ने संस्कृत में मंत्रोच्चार करके और श्लोक पढ़कर मेरा स्वागत किया और ऐसा अगर भारत में होता तो सेकुलरिज्म पर सवाल खडे हो जाते. मोदी ने अमेरिका जाने के दौरान आयरलैंड के अपने संक्षिप्त प्रवास के समय भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ आयरिश बच्चों ने मेरे स्वागत में संस्कृत में श्लोक पढ़े और मंत्रोच्चार किया. हिन्दुस्तान में ऐसा होता तो पता नहीं… सेकुलरिज्म पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता.
‘ उन्होंने कहा कि आयरिश बच्चों को सुनकर ऐसा नहीं लग रहा था कि वे रटी रटायी बातें बोल रहे हों. इसके लिए मैं उनके शिक्षकों को बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दिनों बदलाव आ रहा है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किये जाने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अब सारी दुनिया नाक पकड़ने लगी है. विश्व के सभी देशों ने योग को समर्थन दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘ दुनिया तक स्वीकारती है जब भारत में दम हो. भारत में दम है आज पूरे विश्व ने मान लिया है. भारत के विकास की बात को सब ने मान लिया है.’ मोदी ने कहा कि अब सारी दुनिया यह भी मान रही है कि 21वीं सदी एशिया की होगी. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह भारत की हो जाए.
* आयरलैंड पहुंचने में भारतीय प्रधानमंत्री को 60 साल लग गये : मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा सबसे पहले वहां मौजूद लोगों से क्षमा मांगते हुए कहा, क्षमा इसलिए कि मैं काफी कम समय दे पाऊंगा. आप में से बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिनको याद होगा कि भारत के प्रधानमंत्री यहां कब आये थे. वैसे दिल्ली से न्यूयार्क जाने के क्रम में हमलोग आयरलैंड के आकाश से ही गुजरते है लेकिन आज तक कोई भी भारतीय प्रधानमंत्री यहां नहीं पहुंच सके.
मैंने सोचा कि अगर यहां से गुजर रहा हूं तो आपसे मिलकर जाऊं. मोदी ने कहा, भारतीय प्रधानमंत्री को यहां आने में साठ साल लग गये लेकिन आगे से ऐसा नहीं होगा. आज यहां के प्रधानमंत्री के साथ काफी महत्वपूर्ण बातचीत हुई .पीएम मोदी ने कहा 2016 का आयरलैंड के स्वत्रतंता की जो सदी है. उसमें भारत भी भागीदारी बनें. आजादी हमारी साझी विरासत है. प्रधानमंत्री ने युवा शक्ति पर बल देते हुए आगे कहा कि भारत युवाओं का है इसलिए हमारे सपने पूरे होने की संभावना ज्यादा है. हमें ग्रर्व होना चाहिए कि हम किसी देश से भी आंख से आंख मिलाकर बात करने को तैयार है. हमें किसी के सामने सिर झुकाने की जरूरत नहीं है.