Before his speech, PM @narendramodi meets @UN @secgen Mr. Ban Ki-moon. pic.twitter.com/AyJKjuBm5o
— PMO India (@PMOIndia) September 25, 2015
Advertisement
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विश्वसनीयता के लिए सुरक्षा परिषद में बदलाव जरूरी
न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं को आज हिंदी में संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने महात्मा गांधी के उस बयान को कोट किया जिसमें उन्होंने भविष्य की चिंता करते हुए कहा था कि हमें उसके लिए भी काम करना चाहिए जिसे देखने के लिए […]
न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं को आज हिंदी में संबोधित किया. अपने संबोधन में उन्होंने महात्मा गांधी के उस बयान को कोट किया जिसमें उन्होंने भविष्य की चिंता करते हुए कहा था कि हमें उसके लिए भी काम करना चाहिए जिसे देखने के लिए हम नहीं होंगे.
पर्यावरण के प्रति हमारी सोच को भी दर्शाता है. प्रधानमंत्री ने कहा, हम सब गरीबी से मुक्त होने का सपना देख रहे हैं हमारी प्राथमिकता में गरीबी से छुटकारा पाना है. हमारी नैतिक जिम्मेदारी है हम सभी मिलकर न्याय के लिए काम करे. प्रधानमंत्री ने पं दीनदयाल उपाध्याय का भी जिक्र करते हुए कहा कि दीनदयाल जी का सपना था कि अंत्योदय( समजा के अंतिम व्यक्ति) व्यक्ति का भी विकास हो. भारत आज उनकी जन्मशती मना रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा, भारत जलवायु परिवर्तन पर भी ध्यान रख रहा है. सामुद्रिक संपत्ति का न्यायोचित उपयोग और नीला आसमां ये तीनों बात सम्मिलित है. भारत ने विकास का जो मार्ग चुना है यूएन के सस्टेनेबल डवलेपमेंट पर भी ध्यान रख रहा है. गरीब को शिक्षा मिले, उसके हाथों में हुनर हो यह हमारा प्रयास है. हमने निर्धारित सीमा में मिशन मोड पर काम किया है. भारत में गरीबों के 18 करोड़ खाते खोले गये है.
गरीबों को मिलने वाले लाभ सीधे खाते में मिल रहे है. बीमा योजना का लाभ भी गरीबों को सीधे मिले इसकी भी कोशिश है. पेंशन योजनाओं के विस्तार का काम भी हो रहा है. गरीब से गरीब लोगों में भी आज गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने की एक उमंग जगी है. विश्व में आर्थिक विकास की चर्चा दो ही सेक्टर पर सीमित है या तो पब्लिक सेक्टर या प्राइवेट सेक्टर.
हमने पर्सनल सेक्टर पर ध्यान केंद्रीत किया है. पर्सनल सेक्टर का अर्थ है सबके लिए आवास, बिजली, शिक्षा, स्वास्थय और स्वच्छता. इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समय सीमा तय है. किसानों के जोखिमों को कम करने के लिए भी अनेक कदम उठाये जा रहे है.
समृद्धि की ओर जाने वाला मार्ग सस्टेनेबल हो इसके लिए भी प्रयास है. मैं उस संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता हूं. जहां धरती को मां मानते हैं. हमारे यहां धरती को माता माना जाता है. वेदों में भी बताया गया है कि हम इनके पुत्र है. जैसे अगले सात वर्षो में 175 गिगावाट पर उर्जा पर बल,वक्षारोपण पर काम. शहरों और नदियों की सफाई. वेस्ट मैनेजमेंट पर ध्यान दे रहे हैं.
जो अपनी सफलता को लेकर अधिक आश्वस्त है. भारतीय परंपरा में पूरे विश्व को एक परिवार के रूप में देखा जाता है. उदारबुद्धि वालों के लिए तो पूरा संसार एक परिवार होता है. हम छोटे – छोटे देशों के साथ विकास के लिए काम करके अपने दायित्यों का निर्वाह कर रहे हैं.
उन्हें नीति निर्धारण के लिए भी आवश्यकता होती है. हमारे सामुहिक प्रयास है क्लाइमेट चेंज को निपटने में उन समाधान पर बल देने की आवश्यकता है. हमें अपनी जीवन शैली में भी बदलाव की आवश्यकता है, ताकि उर्जा पर हमारी निर्भरता कम हो. हमें अपनी अगली पीढ़ी को भी तैयार करने की आवश्यकता है. समूचा विश्व एक दूसरे से जुड़ा है, एक दूसरे पर निर्भर है. इसलिए हमारी अंतरराष्ट्रयी साझेदारी को केंद्र में रखना होगा.
सुरक्षा समेत संयुक्त राष्ट्र में भी सुधार की जरूरत है. ताकि हम अपने उद्देश्यों की प्राप्ति आसानी से कर सकें. अपनी भावी पीढ़ी के लिए पर्यावरण को और अच्छी स्थिति में छोड़ कर जाएं. आज 70 वर्ष की आयु के संयुक्त राष्ट्र से अपेक्षा है कि हम अपनी विवेक, उदारता, कौशल और शक्ति के माध्यम अपने उद्देश्यों की प्राप्ति करें.
अंत में सभी सुखी हो सभी स्वस्थ हो इसी मंगल कामना के साथ आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद. गौरतलब हो कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास शिखर सम्मेलनको संबोधित करने से पहले पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून से मुलाकात की.
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने वाल्डोर्फ टावर्स होटल में फॉर्च्यून 500 की कंपनियों के प्रमुखों के साथ बैठक में अपने 15 माह के कार्यकाल में कराधान, आधारभूत संरचना और एफडीआइ में तेजी लाने के सरकार के कदमों का जिक्र करते हुए आर्थिक कूटनीति पर बल दिया. शीर्ष उद्योगों से मेक इन इंडिया में हिस्सेदार बनने की अपील की कहा, ‘हमारी सरकार पीपीपी का मजबूती से समर्थन करती है. गत हमारी वृद्धि दर 7.3 फीसदी रही. एफडीआइ में 40 फीसदी वृद्धि हुई. वर्ल्ड बैंक, आइएमएफ व मूडीज मानते हैं कि माहौल बेहतर होगा.’
अमेरिका में अपने प्रवास के दौरान मोदी अगले कुछ दिनों में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और कुछ अन्य देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे. ओबामा के साथ बैठक में वह द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों तथा वाशिंगटन में हाल में संपन्न हुए शुरुआती सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान दोनों सरकारों की ओर से लिये गये फैसलों पर चर्चा करेंगे. अमेरिका में भारतीय दूत अरुण के सिंह ने यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि ओबामा के साथ मोदी की बैठक 28 सितंबर को होगी. पीएम के अमेरिकी दौरे का महत्वपूर्ण पहलू अर्थव्यवस्था पर फोकस है. स्वरूप ने कहा कि पीएम फ्रांस, जॉर्डन, भूटान, मैक्सिको, स्वीडन, कतर व फिलीस्तीन सहित कुछ देशों के शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement