संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा 2030 : अब कोई नहीं रहेगा भूखा और गरीब, पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष ध्‍यान

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महत्वाकांक्षी टिकाउ विकास लक्ष्य (एसडीजी) को मंजूर कर लिया गया है. इसका मकसद अगले 15 सालों में गरीबी और भूख को समाप्त करना और लिंग समानता सुनिश्चित करने के अलावा सभी को सम्मानित जीवन का अवसर मुहैया कराना है. शुक्रवार को इस ऐतिहासिक मौके पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2015 10:29 AM

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महत्वाकांक्षी टिकाउ विकास लक्ष्य (एसडीजी) को मंजूर कर लिया गया है. इसका मकसद अगले 15 सालों में गरीबी और भूख को समाप्त करना और लिंग समानता सुनिश्चित करने के अलावा सभी को सम्मानित जीवन का अवसर मुहैया कराना है. शुक्रवार को इस ऐतिहासिक मौके पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर के तमाम नेता मौजूद थे. 193 सदस्यीय महासभा ने इस नयी रुपरेखा ‘अपनी दुनिया में बदलाव : टिकाउ विकास के लिए 2030 का एजेंडा’ को अंगीकार किया. इसमें अगले 15 साल में गरीबी को पूरी तरह समाप्त करने, असमानता से संघर्ष और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 17 ‘गोल’ और 169 लक्ष्य तय किये गये हैं.

महीनों और बरसों तक चले गहन विचार विमर्श के बाद यह नया विकास एजेंडा तय किया गया है. इसे ऐसे समय में अपनाया गया है जब वैश्विक वित्तीय संस्थानों के प्रमुख और अन्य गणमान्य लोग संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में उसके 70वीं वर्षगांठ सत्र में शिरकत के लिए आने लगे हैं. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस एजेंडा को ‘बिगुल’ करार दिया. उन्‍होंने कहा कि यह एजेंडा समृद्धि को साझा करने, लोगों के जीवनस्तर के सशक्तीकरण के साथ शांति सुनिश्चित करेगा और हमारी धरती को मौजूदा और भावी पीढियों के लिए स्वस्थ बनाएगा.

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अगले 15 साल में जो 17 महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल जाने हैं उनमें गरीबी का पूरी तरह उन्मूलन, शून्य भुखमरी, उच्च शिक्षा, लिंग समानता, स्थिर शहर और समुदाय तथा स्वच्छ जल और साफसफाई शामिल हैं. अधिकारियों का अनुमान है कि 2015 का साल संयुक्त राष्ट्र के लिए ऐतिहासिक होगा. इसमें एक ऐसे करार तक पहुंचा गया है जिससे विकास का प्रतिमान बदल जाएगा और इससे कोई पीछे नहीं छूटेगा. इससे इसी साल आगे चलकर वैश्विक जलवायु परिवर्तन संधि को भी प्रोत्साहन मिलेगा.

पहली बार अमेरिका यात्रा पर आए पोप फ्रांसिस ने महासभा में ऐतिहासिक संबोधन दिया. इस बहुप्रतीक्षित सप्ताह के दौरान पॉप स्टार शकीरा, फुटबाल खिलाडी डेविड बेकहम से लेकर कई अन्य हस्तियों ने वैश्विक लक्ष्‍यों के बारे में जानने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. शकीरा और बेकहम दोनों संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के सद्भावना दूत हैं. तीन दिन का स्थिर विकास सम्मेलन आज शुरू हुआ. इस सम्मेलन में मोदी सहित रिकार्ड संख्या में विश्व नेता मौजूद थे. इसके अलावा विश्वबैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के प्रमुख भी इस मौके पर उपस्थित थे. सम्मेलन की शुरआत ‘द अर्थ फ्रॉम स्पेस’ फिल्म के प्रदर्शन के साथ हुई.

संयुक्‍त राष्‍ट्र का एजेंडा 2030, ये हैं सभी 17 एजेंडे

1. गरीबी के सभी रूपों की पूरे विश्व से समाप्ति.

2. भूख समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा

3. सभी उम्र के लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा.

4. समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर देना.

5. लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करना.

6. सभी के लिए स्वच्छता और पानी के सतत प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना.

7. सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना.

8. सभी के लिए निरंतर समावेशी और सतत आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोजगार, और सभ्य काम को बढ़ावा देना.

9. लचीली बुनियादी ढांचे, समावेशी और सतत औद्योगीकरण को बढ़ावा.

10. देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करना.

11. सुरक्षित, लचीला और टिकाऊ शहर और मानव बस्तियों का निर्माण.

12. स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना.

13. जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करना

14. स्थायी सतत विकास के लिए महासागरों, समुद्र और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग.

15. सतत उपयोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमिक्षरण रिवर्स और जैव विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना.

16. सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही सभी स्तरों पर इन्हें प्रभावी, जवाबदेही बनना ताकि सभी के लिए न्याय सुनिश्चित हो सके.

17. सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्ति कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना.

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