संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की जरुरत पर जोर देते हुए भारत ने आज कहा कि प्रतीत होता है कि वैश्विक निकाय एक ‘निष्प्रभावी निकाय’ बन गया है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मिल रही नयी चुनौतियों से निपटने में विफल रहा है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि इसकी 70 वीं सालगिरह का ऐतिहासिक अवसर ऐतिहासिक नतीजों के लिए बेहतरीन समय है. साथ ही विदेश मंत्री ने शक्तिशाली विश्व निकाय के निर्णय लेने संबंधी ढांचों में और अधिक विकासशील देशों को शामिल किए जाने का आह्वान भी किया.
सुषमा स्वराज ने कहा कि वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास के संरक्षक के तौर पर संयुक्त राष्ट्र की ‘केंद्रीयता और वैधता’ को अक्षुण्ण रखने के लिए सुरक्षा परिषद में सुधार बहुत जरुरी हैं. उन्होंने सवाल किया, ‘यह समय की मांग है ? हमारे पास वर्ष 2015 में ऐसी सुरक्षा परिषद कैसे हो सकती है जो आज तक 1945 की भू-राजनीतिक वास्तुकला को दर्शाती है. ऐसी सुरक्षा परिषद में हम कैसे रह सकते हैं जिसने अब तक अफ्रीका और लातिन अमेरिका को स्थायी सदस्य के तौर पर स्थान न दिया हो.’
विदेश मंत्री ने निर्णय लेने संबंधी व्यवस्था में और अधिक विकासशील देशों को शामिल किये जाने की जरुरत पर जोर दिया.उन्होंने यह भी कहा कि पुरानी हो चुकी और गैर पारदर्शी कार्य प्रणाली से काम करते रहने के तरीके को बदलने की जरुरत है.