वॉशिंगटन : अमेरिका ने भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुए नेपाल में हिंसा की हुई हालिया घटनाओं को लेकर चिंता जताते हुए वहां की यात्रा के संबंध में अपने नागरिकों को चेतावनी जारी की है जिससे हिमालयी देश का पर्यटन क्षेत्र प्रभावित हो सकता है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कल जारी किए गए यात्रा परामर्श में कहा है ‘वहां झटकों की तीव्रता और उनकी आवृत्ति भले ही कम हुई हो लेकिन भूकंप या झटकों की आशंका बनी हुई है. कुल मिला कर भूकंप और उसके झटकों का प्रभाव देश भर में अलग-अलग रहा है.’ परामर्श में कहा गया है कि भूकंप के केंद्रों के आसपास के इलाकों में गहरा नुकसान हुआ है जबकि देश के अन्य इलाकों में इसका असर नहीं के बराबर रहा.
अमेरिका से हर साल खास तौर पर हिमालय के पहाडों पर रोमांचक पर्यटन की खातिर बडी संख्या में लोग नेपाल जाते हैं. परामर्श में आगे कहा गया है कि 25 अप्रैल को आये भूकंप और इसके बाद के झटकों की वजह से पर्वतीय इलाकों में अस्थिरता आयी है और कुछ प्रभावित इलाकों में भीषण भूस्खलन हुये हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार, मानसून की बारिश जून में शुरू हुई और सितंबर में खत्म हुई जिसकी वजह से इन क्षेत्रों में और अस्थिरता आई होगी. हालांकि पहाडों पर चढाई के लिए परमिट जारी किये जा रहे हैं लेकिन ट्रैकिंग के सभी क्षेत्र यात्रा के लिए सुरक्षित नहीं हैं.
परामर्श में कहा गया है कि ट्रैकिंग क्षेत्रों के समीप की कई सडकें अवरुद्ध हैं. ‘हम वहां जाने के इच्छुक लोगों को उनकी यात्रा एवं ट्रैकिंग एजेंसियों से वर्तमान एवं स्थान विशेष की सूचना के लिए सावधानीपूर्वक परामर्श करने और संभावित खतरे की चेतावनियों पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.’ इसमें सिफारिश की गयी है ‘इन स्थितियों की वजह से, जरुरत पडने पर आपात सहायता की संभावना पर असर पड सकता है. हम सिफारिश करते हैं कि ट्रैकिंग के पहले अपने परिवार वालों और मित्रों को व्यापक जानकारी दें. पहाडों पर अकेले चढाई न करें.’ विदेश मंत्रालय ने आगे कहा है कि नेपाल के तराई क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन और अशांति की छिटपुट घटनाएं हुई हैं जिनसे चितवन नेशनल पार्क और लुम्बिनी सहित दक्षिणी क्षेत्र में पर्यटकों का दौरा प्रभावित हो सकता है. परामर्श के अनुसार, शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक हो सकते हैं. कुछ इलाकों में तो कर्फ्यू लगाया गया है.