वाशिंगटन : दो भारतीय-अमेरिकी किशोर नासा के राष्ट्रीय 3-डी स्पेस कंटेनर चैलेंज के अंतिम दौर में पहुंचने में सफल रहे हैं. इस प्रतियोगिता में छात्रों को ऐसे कंटेनर डिजाइन करने को कहा गया था जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में चीजें व्यवस्थित रखने में मदद मिल सके. हालांकि एरिजोना के राजन विवेक और डेलावेयर के प्रसन्ना कृष्णमूर्ति इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को जीतने में सफल नहीं हो पाये. कैलिफोर्निया के रयान बीम ने यह प्रतियोगिता जीती. बीम ने क्लिपकैच डिजाइन किया है जिससे अंतरिक्ष यात्री यह चिंता किये बिना अपने नाखून काट सकेंगे कि उनके नाखून उडेंगे और वे संभवत: हानिकारक मलबा बन जाएंगे.
राजन ने हाइड्रोपोनिक प्लांट बॉक्स कंटेनर बनाया है जो गुरुत्वाकर्षण के अभाव वाले वातावरण में पौधों को जडें फैलाने की अनुमति देते हुए जल संग्रहण की चुनौती से निपटता है. नासा ने कहा कि हाइड्रोपोनिक्स की मदद से बिना मिट्टी के पौधे उग सकेंगे. यह अंतरिक्ष यान में बहुत प्रभावी होगा क्योंकि इसके लिए कम स्थान की आवश्यकता है और इसमें अधिक मजबूत पौधे अधिक तेजी से उगेंगे. प्रसन्ना ने कलैप्सबल कंटेनर विकसित किया है. नासा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में सीमित स्थान का इस्तेमाल करने के मकसद से बनाया गया कलैप्सबल कंटेनर इसमें भरी सामग्री के अनुसार फैल और सिकुड सकता है.