सीरियाई विद्रोहियों को प्रशिक्षण नहीं देगा अमेरिका, हथियारों की आपूर्ति पर देगा ध्यान

वॉशिंगटन : अमेरिका इस्लामिक स्टेट से लडने के लिए सीरियाई विद्रोहियों को प्रशिक्षण देने का 5.80 करोड डॉलर का अपना कार्यक्रम बंद करेगा और इस खतरनाक आतंकवादी गुट से पहले से ही लड रही विद्रोही इकाइयों को हथियारों की सीधी आपूर्ति करेगा. उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कल बताया ‘आईएसआईएल मिशन से निपटने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2015 1:13 PM

वॉशिंगटन : अमेरिका इस्लामिक स्टेट से लडने के लिए सीरियाई विद्रोहियों को प्रशिक्षण देने का 5.80 करोड डॉलर का अपना कार्यक्रम बंद करेगा और इस खतरनाक आतंकवादी गुट से पहले से ही लड रही विद्रोही इकाइयों को हथियारों की सीधी आपूर्ति करेगा. उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कल बताया ‘आईएसआईएल मिशन से निपटने के हमारे प्रशिक्षण और साजोसामान मुहैया कराने के कार्यक्रम में कई चुनौतियां हमारे सामने हैं और हम इन खामियों को दूर करने के तरीके खोज रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि नयी नीति के तहत, अमेरिका आईएसआईएल से लड रहे, चुनिंदा समूहों के नेताओं और उनकी यूनिटों को आवश्यक उपकरण एवं हथियार मुहैया कराएगा.

रोड्स ने कहा कि हम ऐसे अवसर भी देख रहे हैं जहां सीरिया में आईएसआईएल से लड रहे बलों को उपकरण मुहैया कराएं जिससे उन्हें फायदा हो. ‘इसलिए आज की घोषणा वह सतत प्रक्रिया जाहिर करती है जहां हम यह पता कर सकें कि हमारी रणनीति में क्या कारगर है. साथ ही, जहां हम चीजों को काम करते न पाएं, वहां आवश्यक सुधार भी करें.’ कांग्रेस सदस्य तुलसी गब्बार्ड ने कहा कि यह तो होना ही है.

उन्होंने कहा ‘अधिक सोचविचार के बिना ही शुरू किये गये इस कार्यक्रम की पूर्ण असफलता का अनुमान शुरू में ही लग गया था इसीलिए जब पिछले साल यह कांग्रेस के समक्ष आई तो मैंने इसके खिलाफ कहा और इसका विरोध किया.’ गब्बार्ड ने आरोप लगाया ‘प्रशासन ने न अपना लक्ष्य परिभाषित किया न कारगर रणनीति बनाई और न ही यह सुनिश्चित करने के तरीके बताए कि हम इन लडाकों को जो हथियार, गोलाबारुद और उपकरण मुहैया करा रहे हैं वह कहीं आईएसआईएस, अलकायदा, अल-नुस्रा और अन्य चरमपंथी गुटों के हाथ में न चले जाएं तो हमारे शत्रु हैं.’

बहरहाल, रोड्स ने दावा किया कि अमेरिका पेंटागन का 5.80 करोड डॉलर का प्रशिक्षण देने एवं उपकरण मुहैया कराने का कार्यक्रम बंद नहीं कर रहा है. यह कार्यक्रम पिछले साल आईएसआईएल से निपटने के प्रयास के तहत शुरू किया गया था. उन्होंने कहा ‘नहीं, हम कार्यक्रम को खत्म नहीं कर रहे हैं. हम उन तत्वों को थोडा विराम दे रहे हैं जो सीरिया से बाहर लडाके हैं और हमारा उद्देश्य उन्हें प्रशिक्षित करना तथा उन्हें उनके देश वापस जाने में मदद करना है.’

Next Article

Exit mobile version