अम्मान पहुंचे राष्ट्रपति

अम्मान: अशांत पश्चिम एशिया के तीन देशों की छह दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर निकले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज पहले चरण में जार्डन की राजधानी अम्मान पहुंचने पर पारंपरिक स्वागत किया गया और इसके बाद वहां के शाह अब्दुल्ला ने उनके सम्मान में भोज दिया. सामरिक रुप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित जार्डन के अल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 10, 2015 4:46 PM
अम्मान: अशांत पश्चिम एशिया के तीन देशों की छह दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर निकले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज पहले चरण में जार्डन की राजधानी अम्मान पहुंचने पर पारंपरिक स्वागत किया गया और इसके बाद वहां के शाह अब्दुल्ला ने उनके सम्मान में भोज दिया. सामरिक रुप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित जार्डन के अल हुसैनी महल मेंं भारतीय राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया.
मुखर्जी को हवाई अड्डे से सीधे महल ले जाया गया. प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता से पहले जार्डन के शाह के साथ प्रणब मुखर्जी की आधे घंटे की अलग से मुलाकात भी हुई. शाह वहां के राष्ट्रपति भी हैं और उनके पास देश की सारी शक्तियां केंद्रित हैं. इसके बाद शाह ने राष्ट्रपति मुखर्जी के सम्मान में भोज का आयोजन किया. मुखर्जी के साथ केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत और कांग्रेस के के वी थामस तथा भाजपा की मीनाक्षी लेखी सहित छह सांसद भी इस यात्रा पर गए हैं. जार्डन में दो दिनों के प्रवास के बाद राष्ट्रपति फलस्तीन और इस्राइल जायेंगे. वह भारत के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो इन तीनों देशों की यात्रा पर गए हैं.
अपनी यात्रा पर जाने से पहले राष्ट्रपति ने इन तीन देशों की अपनी यात्रा को ‘ऐतिहासिक’ बताया था. हाल के सप्ताहों में इस्राइल और फलस्तीन के बीच जारी हिंसा में काफी लोग हताहत हुए हैं और इसके चलते राष्ट्रपति को कुछ ऐतिहासिक स्थलों पर जाने के अपने कार्यक्रम में कटौती करनी पडी. उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी बढायी गई है. जार्डन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद पिछले 65 वर्षो में इस देश की यात्रा पर आने वाले मुखर्जी पहले भारतीय राष्ट्रपति हैं. 1988 में राजीव गांधी प्रधानमंत्री के रुप में जार्डन गए थे. राष्ट्रपति के इस देश में प्रवास के दौरान भारत दोनों देशों के बीच व्यापार को बढाने के अवसरों को तलाशेगा.
जार्डन इस क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के परिचालन शुरु करने के रुप में आधार का काम कर सकता है. मुखर्जी जार्डन विश्वविद्यालय जायेंगे और वहां छात्रों एवं अध्यापकों को संबोधित करेंगे.
वह अम्मान में भारतीय समुदाय और फ्रेंड्स आफ इंडिया के लिए भारतीय राजदूत द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे. अपनी यात्रा से पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि भारत, जार्डन के साथ सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और बढाना चाहता है. उन्होंने कहा था, ‘‘ हम सीरिया और पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया सहित क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचार और सोच रखते हैं.” मुखर्जी ने कहा था, ‘‘हम धार्मिक कट्टरवाद और उग्रवाद के साथ ही आतंकवाद के सभी स्वरुपों को पुरजोर तरीके से खारिज करते हैं.”
जार्डन के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढाने के बारे में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि इसे वर्तमान 2 अरब डालर से बढाकर साल 2025 तक 5 अरब डालर करने का लक्ष्य पाने का प्रयास किया जायेगा. उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत हम जार्डन के कारोबारियों को भारत में उपलब्ध अपार सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हैं.”
उन्होंने कहा कि भारत, जार्डन को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रुप में देखता है क्योंकि सामरिक क्षेत्र में स्थित होने के कारण भारतीय कंपनियां यहां से क्षेत्रीय बाजारों तक पहुंच बना सकती हैं. राष्ट्रपति के अनुसार, ‘‘2013 के बाद से कारोबारी झुकाव भारत के पक्ष में है लेकिन भारत अभी भी रॉक फास्फेट, पोटाश और तैयार उर्वरकों के लिए बडा आयातक बना हुआ है.”

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