ओली ने नेपाली प्रधानमंत्री की शपथ ली

काठमांडो : नेपाल के दिग्गज कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली ने आज देश के 38वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. एक दिन पहले उन्हें संसद में प्रधानमंत्री चुना गया था. राष्ट्रपति रामबरन यादव ने अपने आधिकारिक आवास पर 63 वर्षीय ओली को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. प्रधानमंत्री ओली ने दो उप प्रधानमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2015 6:09 PM

काठमांडो : नेपाल के दिग्गज कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली ने आज देश के 38वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. एक दिन पहले उन्हें संसद में प्रधानमंत्री चुना गया था. राष्ट्रपति रामबरन यादव ने अपने आधिकारिक आवास पर 63 वर्षीय ओली को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.

प्रधानमंत्री ओली ने दो उप प्रधानमंत्री और पांच मंत्रियों वाला एक छोटा कैबिनेट गठित किया है. विजय कुमार गक्षधर तथा कमल थापा को उप प्रधानमत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई. कहा जा रहा है कि दोनों को संसद में ओली का समर्थन करने का इनाम मिला है. ओली उस समय प्रधानमंत्री चुने गए हैं जब नेपाल नए संविधान के विरोध को लेकर हिंसक प्रदर्शनों तथा भारत के साथ राजनयिक गतिरोध की चुनौती का सामना कर रहा है.

संसद में कल हुए मतदान में सीपीएन-यूएमएल के प्रमुख ओली को 338 मत मिले, जबकि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष कोइराला ने सिर्फ 249 मत हासिल किए. प्रधानमंत्री चुने जाने के लिए 299 मतों की जरुरत थी. कुल 587 सदस्यों ने मतदान किया. मतदान के दौरान सांसदों को तटस्थ रहने की इजाजत नहीं होती है.

ओली को यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी-नेपाल, मधेसी जनाधिकार फोरम-डेमोक्रेटिक तथा कुछ और दलों का समर्थन हासिल था. दूसरी तरफ युनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट में शामिल चार दलों ने कोइराला का समर्थन किया. कोइराला 2014 में सीपीएन-यूएमएल की मदद से प्रधानमंत्री बने थे.

ओली (63) को पिछले साल सीपीएन-यूएमएल का प्रमुख चुना गया था. इससे पहले वह पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख थे. ओली साल 2006 की जनक्रांति के तत्काल बाद बनी गिरिजा प्रसाद कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार में उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बने थे. वह 1994 में तत्कालीन यूएमएल प्रमुख मनमोहन अधिकारी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में गृह मंत्री थे.

ओली को झापा जिले के कई संसदीय क्षेत्रों से साल 1991, 1994 और 1999 में संसद का सदस्य चुना गया. इसी जिले से 1966 में उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. सात साल के लंबे विचार विमर्श से तैयार किए गए और 20 सितंबर को घोषित नए संविधान का मधेसी समूहों द्वारा विरोध को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच ओली प्रधानतंत्री बने हैं.

ओली उस समय भी प्रधानमंत्री बनना अहम है जब आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के मुद्दे पर नेपाल का भारत के साथ राजनयिक गतिरोध भी बना हुआ है. नए संविधान का विरोध कर रहे मधेसी समूहों ने भारत के साथ व्यापार मार्गों को अवरुद्ध कर रखा है जिस कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हुई.

आंदोलनरत मधेसी फ्रंट का दावा है कि संविधान दक्षिणी नेपाल में रहने वाले मधेसियों और थारु समुदायों को पर्याप्त अधिकार और प्रतिनिधित्व की गारंटी प्रदान नहीं करता. मधेसी भारत के साथ लगते सीमाई तराई क्षेत्र में रहने वाले भारतीय मूल के लोग हैं जो नेपाल को सात प्रांतों में बांटे जाने का विरोध कर रहे हैं. आंदोलन के दौरान हिंसा में पिछले एक महीने से अधिक की अवधि में कम से कम 40 लोग मारे जा चुके हैं.

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