रूस के साथ संबंधों की संभावनाएं विशिष्ट : मनमोहन

भारत-रूस संबंध : नये दौर में पुराने रिश्ते की मजबूती! एक ही यात्रा में चीन और रूस ।।मॉस्को से हरिवंश।। -संबंधों की डोर. प्रधानमंत्री की पांच दिवसीय विदेश यात्रा शुरू, पहुंचे -मॉस्को, 22 अक्तूबर को पहुंचेंगे चीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह दो देशों की अपनी यात्रा के प्रथम पड़ाव के तहत रविवार दोपहर बाद (भारतीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2013 4:05 AM

भारत-रूस संबंध : नये दौर में पुराने रिश्ते की मजबूती!

एक ही यात्रा में चीन और रूस

।।मॉस्को से हरिवंश।।

-संबंधों की डोर. प्रधानमंत्री की पांच दिवसीय विदेश यात्रा शुरू, पहुंचे -मॉस्को, 22 अक्तूबर को पहुंचेंगे चीन

प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह दो देशों की अपनी यात्रा के प्रथम पड़ाव के तहत रविवार दोपहर बाद (भारतीय समयानुसार) मॉस्को पहुंचे, जहां उनकी भव्य अगवानी की गयी.द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत के उद्देश्य से डॉ सिंह सोमवार को यहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 14 वें वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे. बैठक के दौरान दोनों देश संभवत: पांच समझौतों पर दस्तखत करने वाले हैं, जिनमें सजायाफ्ता लोगों की अदला-बदली भी शामिल है. हालांकि, कानूनी अड़चन के कारण कुड़नकुलम में दो नये परमाणु संयंत्र लगाने के समझौते को झटका लग सकता है.

भविष्य की बुनियाद है यह यात्रा : डॉ सिंह ने यहां पहुंचने पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भारत व रूस के बीच विशेष सहयोग है, तभी 14 वां शिखर सम्मेलन हो रहा है. कहा-हम विभिन्न क्षेत्रों जैसे परमाणु ऊर्जा, रक्षा सहयोग, अंतरिक्ष सहयोग, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, वाणिज्य व निवेश में अपने सहयोग और इसकी प्रगति की समीक्षा करेंगे.

हम अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय विकास की भी समीक्षा करेंगे, जिसमें इस बात पर विमर्श किया जायेगा कि किस तरीके से वे दोनों देशों पर प्रभाव डालते हैं. इस बात पर भी चर्चा करेंगे कि दुनिया में शांति व समृद्धि के लिए दोनों मुल्क कैसे मिल कर काम कर सकते हैं

कानूनी पेच के बाद भी करीब : परमाणु समझौते पर सरकारी सूत्रों ने कहा कि हम इसके नजदीक हैं.

एक मुद्दे को छोड़ कर बाकी का समाधान कर लिया गया है, जिस पर दोनों देशों के वकील काम करेंगे. उन्हें विषय वस्तु को स्पष्ट करना है. रूस, भारत के परमाणु जवाबदेही कानून के दायरे में आनेवाली परियोजना के खिलाफ है. इस मुद्दे पर वह अंतर सरकारी समझौता चाहता है. भारत ने जवाबदेही पर रूस की चिंताओं का समाधान करने का प्रयास किया है.

मजबूत होगी साझेदारी

रूस रवाना से पूर्व नयी दिल्ली में अपनी यात्रा के संदर्भ में डॉ सिंह ने कहा कि मैं इस यात्रा का इस्तेमाल आपसी साझेदारी को हर संभव तरीके से मजबूती प्रदान करने के वास्ते करूंगा. राष्ट्रपति पुतिन को बताऊंगा कि रूस के साथ संबंधों को हम कितना महत्व देते हैं. अपनी यात्र के दौरान मिलने वाली मानद उपाधि पर कहा, मैं इसको लेकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जो कि हमारे बेहतर संबंधों का प्रमाण है.

चीन यात्रा : एजेंडे में शीर्ष पर सीमा मुद्दा

22 अक्तूबर से शुरू हो रहे अपनी चीन यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि प्रस्तावित ‘सीमा सहयोग समझौता’ एजेंडे में शीर्ष पर रहेगा. सीमा रक्षा सहयोग पर नयी दिल्ली और बीजिंग की सरकारें परिपक्वता से काम कर रही हैं. पूरी संभावना है कि इस यात्रा के दौरान इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर हो जाये. डॉ सिंह ने कहा कि विश्व के सघन जनसंख्या व उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश आज क्षेत्रीय, वैश्विक व आर्थिक हितों पर अग्रगामी सामंजस्य रखते हैं. उन्होंने कहा- मैं बीजिंग में सेंट्रल पार्टी स्कूल में संबोधन के जरिये चीन के भविष्य के नेताओं के साथ नये युग में भारत-चीन के संबंधों पर अपने विचार साझा करूंगा.

पुतिन के साथ 14 वें वार्षिक सम्मेलन में आज लेंगे भाग

‘‘मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि मेरी यात्रा (रूस-चीन) हमारे सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों के साथ हमारे संबंधों को मजबूती प्रदान करेगी. इससे भारत के लिए एक स्थिर बाहरी वातावरण में प्रगति, समृद्धि व विकास के लिए एक नया रणनीतिक अवसर निर्मित होगा. आशा है कि हम अपने संपर्क को और आगे बढ़ायेंगे.

डॉ मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री

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