इस्राइल के इंकार से राष्ट्रपति की यात्रा में असहज स्थिति पैदा हुई रामल्ला
यरुशलम: प्रणब मुखर्जी द्वारा फलस्तीन विश्वविद्यालय को तोहफे में दिये गए कम्प्यूटर संचार उपकरणों को प्रवेश की अनुमति देने से इस्राइल के इंकार से कल से शुरु हो रही इस यहूदी देश की राष्ट्रपति की यात्रा में असहज स्थिति पैदा हो गई है. राष्ट्रपति मुखर्जी एक दिन की यात्रा पर आज फलस्तीन आए हैं. इस […]
यरुशलम: प्रणब मुखर्जी द्वारा फलस्तीन विश्वविद्यालय को तोहफे में दिये गए कम्प्यूटर संचार उपकरणों को प्रवेश की अनुमति देने से इस्राइल के इंकार से कल से शुरु हो रही इस यहूदी देश की राष्ट्रपति की यात्रा में असहज स्थिति पैदा हो गई है. राष्ट्रपति मुखर्जी एक दिन की यात्रा पर आज फलस्तीन आए हैं.
इस अवसर पर उनकी ओर से कुछ कम्प्यूटर और संचार उपकरण रामल्ला स्थित अल कुद्स विश्वविद्यालय स्थित ‘भारत फलस्तीन सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी उत्कृष्ठता केंद्र’ को उपहार स्वरुप देने का कार्यक्रम है. इन उपकरणों को बरास्ता इस्राइल, फलस्तीन आना है. हालांकि इस्राइल ने सुरक्षा के आधार पर किसी भी संचार उपकरण को प्रवेश की अनुमति देने से इंकार कर दिया है लेकिन कम्प्यूटरों को आने की अनुमति दे दी है. अब इन कम्प्यूटरों को बिना संचार उपकरणों के विश्वविद्यालय को सौंपा जायेगा.
इस्राइल आने वाले मुखर्जी भारत के पहले राष्ट्रपति होंगे. वह रामल्ला से कल इस्राइल की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे. इस्राइल ने उनकी इस यात्रा का स्वागत करते हुए इसे द्विपक्षीय संबंधों में मील का पत्थर बताया है लेकिन फलस्तीन को उपहारस्वरुप दिये जाने वाले संचार उपकरणों के प्रवेश पर रोक लगाकर एक असहज स्थिति भी पैदा कर दी है. भारत उसके इस रुख से खुश नहीं है.