इस्राइल की तरफ से रोके गए संचार उपकरण बदलेगा भारत
नयी दिल्ली : भारत ने आज कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तरफ से फलस्तीनी विश्वविद्यालय को तोहफे के तौर पर दिए जाने वाले संचार उपकरणों पर इस्राइल की रोक के बाद वह उन उपकरणों को बदलेगा. विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा, ‘‘चार संचार उपकरण जिनकी कुछ खास आवृत्तियां (फ्रीक्वेंसी) हैं जिन्हें […]
नयी दिल्ली : भारत ने आज कहा कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तरफ से फलस्तीनी विश्वविद्यालय को तोहफे के तौर पर दिए जाने वाले संचार उपकरणों पर इस्राइल की रोक के बाद वह उन उपकरणों को बदलेगा.
विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा, ‘‘चार संचार उपकरण जिनकी कुछ खास आवृत्तियां (फ्रीक्वेंसी) हैं जिन्हें इस्राइल ने अपने नियमन के तहत इजाजत नहीं दी . हम उनकी जगह दूसरे संचार उपकरण देंगे जिनकी आवृत्तियां (फ्रीक्वेंसी)भिन्न हैं.” उपकरणों को मंजूरी देने से इस्राइल सरकार का इनकार यहूदी राष्ट्र की मुखर्जी की ऐतिहासिक यात्रा में नाराज करने वाली चीज (इरिटैंट) के रुप में आया.
मुखर्जी कल फलस्तीन में थे और रामल्ला के अल-कुद्स विश्वविद्यालय के ‘इंडिया-पैलेस्टाइन सेंटर फॉर एक्सेलेंस इन इन्फार्मेशन ऐंड कम्युनिकेशन टेक्नोलोजी’ को संचार उपकरणों के साथ कुछ कंप्यूटर तोहफे में देने वाले थे.
बहरहाल, इन कंप्यूटरों और उपकरणों को इस्राइल से हो कर गुजरना था और उसने सुरक्षा के आधार पर किसी संचार उपकरण को प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी.इस्राइली कस्टम ने अश्दोद बंदरगाह में फंसे 30 कंप्यूटरों को यूनिवर्सिटी ले जाने की मंजूरी दे दी, संचार उपकरण बेन गुरियोन हवाई अड्डे पर ही पडे रहे.
इस्राइल ने टेंपल माउंट या हरम अल शरीफ के परिसर में स्थित इस्लाम के तीसरे सबसे मुकद्दस स्थल अल अक्सा मस्जिद को फलस्तीनियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. इससे सितंबर से वहां झडपें चल रही है. अल-कुद्स विश्वविद्यालय इन झडपों में फंसा हुआ है. इस्राइली दूतावास के प्रवक्ता ओहाद होरसांदी ने कल यहां कहा था कि कंप्यूटर को इस्राइली कस्टम से ले जाने की मंजूरी मिल गई है लेकिन संचार उपकरण इस्राइली नियमनों को पूरा नहीं करते और उन्हें ले जाने की इजाजत नहीं दी गई.