वॉशिंगटन : अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में तालिबान के बढते कदमों की पृष्ठभूमि में कहा कि अफगानिस्तान अब भी ‘मुश्किल लडाई’ बना हुआ है और उसके बलों को अब भी मदद की आवश्यकता है. कार्टर ने कल संवाददाताओं से कहा कि इसी वजह से अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफगानिस्तान में वर्ष 2016 तक 9800 अमेरिकी बलों और इसके बाद 5500 सैन्य बलों को तैनात करने का निर्णय लिया है. रक्षा मंत्री कार्टर ने कहा, ‘अफगानिस्तान के सैन्य बलों ने स्वयं को सक्षम लडाके साबित किया है. लेकिन देश के कुछ हिस्सों में तालिबान के बढते कदमों ने इस वास्तविकता को रेखांकित किया है कि यह एक मुश्किल लडाई बनी हुई है. हम समझते हैं कि अफगानिस्तान को अब भी सहायता की आवश्यकता है.’
उन्होंने कहा कि नाटो के रेसोल्यूट सपोर्ट मिशन के जरिए अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रीय रक्षा एवं सुरक्षा बलों और अफगानिस्तान के सुरक्षा मंत्रालयों के साथ मिलकर निकटता से काम कर रहा है कि वे अफगानिस्तान के लोगों की रक्षा करने और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थिरता की परिस्थितियां स्थापित करने के अपने महत्वपूर्ण मिशन के लिए तैयार हो सकें.
कार्टर ने कहा कि अमेरिका की सैन्य मौजूदगी और वित्तीय समर्थन अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों को एक मुस्तैद बल के तौर पर लगातार विकास करने, अफगानिस्तान की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनने और इलाके में आतंकवादियों के शोषण के खिलाफ अमेरिका के साथ साझीदारी करने में मदद करेगा. उन्होंने दावा किया कि ओबामा की नई घोषणा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह मजबूत संदेश देती है कि अमेरिका अफगानिस्तान के लिए प्रतिबद्ध है और वहां दीर्घकालीन स्थिरता कायम करना चाहता है.