कनाडा चुनाव : 9 साल के कंजर्वेटिव शासन का अंत, लिबरल की जीत
कनाडा में नौ साल के कंजर्वेटिव पार्टी के शासन का अंत हुआ. कनाडा की दूसरी पार्टी लिबरल पार्टी ने संसदीय चुनाव भारी अंतर से जीत लिया है. जस्टीन ट्रुडो के नेतृत्व में लिबरल ने 338 सीटों में से 185 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि बहुमत के लिए 170 सीटों की जरुरत थी. पूर्व […]
कनाडा में नौ साल के कंजर्वेटिव पार्टी के शासन का अंत हुआ. कनाडा की दूसरी पार्टी लिबरल पार्टी ने संसदीय चुनाव भारी अंतर से जीत लिया है. जस्टीन ट्रुडो के नेतृत्व में लिबरल ने 338 सीटों में से 185 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि बहुमत के लिए 170 सीटों की जरुरत थी. पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रुडो के बेटे जस्टीन इस जीत के साथ एक मजबुत सरकार बनाने वाले हैं. कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री स्टीफन आर्पर ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. उनकी पार्टी जो पिछले नौ सालों से शासन में थी, उसे महज 103 सीटें की मिल पायी.
उन्होंने नतीजे आने के बाद कहा कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के हार स्वीकार करेंगे और उन्होंने जस्टीन को जीत की बधाई दी. उनकी पार्टी ने कहा कि उनके नेता हार्पर अब इस्तीफा दे देंगे. लिबरल के नेता जस्टीन ने अपने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की रात एक जरुरी संदेश सुनाना चाहता हूं, यह बदलाव का समय है. उन्होंने कहा कि एक सकारात्मक राजनीति क्या कर सकती है यह उसी का परिणाम है. उन्होंने परिणाम को काफी सुखद बताया.
चुनाव में कई पंजाबी उम्मीदवारों ने आजमाई किस्मत
19 अक्टूबर को कैनेडा के हाउस ऑफ कॉमंस की 338 सीटों के लिए वोट पड़े. इन चुनावों में 48 इंडो कैनेडियन उम्मीदवारों में से करीब 40 पंजाबी मूल के थे. बीते 10 दिनों में कैनेडियन फैडरल चुनावों में काफी कुछ बदला है और सबसे अधिक 22 पंजाबी मूल के उम्मीदवारों को टिकट देने वाली लिबरल पार्टी ने इसबार जीत दर्ज की है. बहुमत के लिए 170 सीटों की आवश्यकता है, जबकि लिबरल को 185 सीटें मिली हैं. इस बार पंजाबी मूल के उम्मीदवारों में 11 से अधिक उम्मीदवार बाकायदा दस्तार बांधते हैं और ये पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में दस्तारधारी पंजाबी कैनेडियन चुनावों में पहुंचे. इस चुनाव से पहले कैनेडियन संसद में 6 पंजाबी सिख सांसद थे. लेकिन उनमें से टिम उप्पल ही दस्तारधारी थे. इस बार दस्तारधारी उम्मीदवारों में टिम उप्पल के अलावा नवदीप बैंस, सज्जन सिंह, जगदीश ग्रेवाल, राज ग्रेवाल, हरबलजीत सिंह काहलों, मार्टिन सिंह भी दस्तार बांधते हैं.