संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि ड्रोन हमलों के लिए पाकिस्तानी सरकार के सदस्यों ने सहमति दी थी.संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मसूद खान ने कल संयुक्त राष्ट्र महासभा अधिकार समिति की बहस में कहा पाकिस्तान में होने वाले सभी ड्रोन हमले, आतंकवादियों द्वारा प्रतिशोध के तौर पर किये जाने वाले भयावह हमलों की याद दिलाते हैं.
उन्होंने कहा, इन हमलों ने सारे पाकिस्तानियों को खतरे में डाल दिया है. ड्रोन हमलों में मारे गए नागरिकों के रिश्तेदारों पर अमानवीय रुप से मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है तथा उनमें नफरत पैदा होती है और इससे अधिक से अधिक लोग कट्टरपंथी हो जाते हैं.
बीते बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के दौरान अपने देश में अमेरिकी ड्रोन हमले बंद करने का आग्रह किया था.
खान ने कहा हम पाकिस्तान की सीमाओं के भीतर ड्रोन हमलों को तत्काल बंद करने का आह्वान करते हैं. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र को दो मानवाधिकार जांचकर्ताओं ने अमेरिका तथा अन्य देशों से उनके ड्रोन हमला कार्यक्रम को लेकर और अधिक पारदर्शिता बरतने का आह्वान किया. इन जांचकर्ताओं ने कहा कि इन कार्यक्रमों की गोपनीयता आम नागरिकों को इन हमलों से होने वाली जान माल की हानि के वास्तविक प्रभाव का अनुमान लगाने में बाधक है.
बेन इमर्सन और क्रिस्टोफ हायेन्स ने कल संयुक्त राष्ट्र में इसी विषय पर दो रिपोर्ट पेश कीं. इमर्सन की रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन हमलों के लिए पाकिस्तानी सेना एवं सुरक्षा सेवा के लोगों की सहमति थी.