बाली : अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन ने आज आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस के ‘‘कुछ सदस्यों” के वांछित आतंकी दाउद इब्राहिम के साथ संपर्क हैं. इसके साथ ही छोटा राजन ने यह भी कहा कि वह दाऊद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा.
वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों के प्रमुख आरोपी दाऊद के करीबी वफादार से अब उसके दुश्मन बन चुके राजन ने कहा, ‘‘मुंबई पुलिस के कुछ लोग दाऊद के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. मैं आतंकवाद और दाउद के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा. मैं दाऊद से डरा नहीं हूं.” राजन को 25 अक्तूबर को ऑस्ट्रेलिया से लौटने पर इस मशहूर पर्यटन स्थल से गिरफ्तार किया गया था. राजन को जल्दी ही अदालत के समक्ष पेश किए जाने की संभावना है. इंडोनेशियाई पुलिस अदालत में उन मामलों की जानकारी पेश करेगी, जिनमें वह भारत में वांछित है.
राजन को जल्दी ही भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. एक भारतीय अधिकारी ने कल कहा था, ‘‘पूरी प्रक्रिया अगले दो-तीन दिन में पूरी हो सकती है.” हत्या और रंगदारी से लेकर तस्करी एवं नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े 75 से भी ज्यादा संगीन अपराधों में वांछित राजन से जब पूछा गया कि क्या उसे मुंबई लौटने का डर है तो उसने कहा, ‘‘सरकार मुझे कहीं भी रख सकती है- दिल्ली या मुंबई. लेकिन मेरे साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए. मेरे खिलाफ जितने भी मामले हैं, वे झूठे हैं.”
राजन ने कहा कि मुंबई पुलिस ने मेरे साथ अन्याय किया है. भारत सरकार अब यह देखे कि मेरे साथ न्याय हो. राजन को हिरासत में लेने के लिए एक भारतीय दल अपने इंडोनेशियाई समकक्षों के साथ मिलकर काम कर रहा है.सीबीआई, मुंबई पुलिस और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों वाला भारतीय दल रविवार को यहां पहुंचा. ये अधिकारी अपने साथ 55 वर्षीय राजन और भारत में विभिन्न अपराधों में उसकी संलिप्तता से जुड़ा एक विस्तृत डोजियर अपने साथ लेकर आए हैं.
इस दल ने कल पहली बार इंडोनेशियाई पुलिस की मौजूदगी में हिरासत केंद्र में उससे पूछताछ की. राजन पिछले 10 दिन से यहां बंद है. जकार्ता में भारतीय दूतावास के प्रथम सचिव (वाणिज्य दूत) संजीव कुमार अग्रवाल ने रविवार को लगभग आधे घंटे के लिए राजन से मुलाकात की थी. भारतीय दल ने जब राजन से पूछताछ की, उस समय अग्रवाल भी वहां मौजूद थे.
हिरासत केंद्र से बाहर लाए जाते समय राजन ने कहा था कि दाउद फिलहाल पाकिस्तान में छिपा हुआ है और उसे आईएसआई का सीधा संरक्षण मिला हुआ है. राजन ने कहा, ‘‘आईएसआई छुपा रही है.” मुंबई पुलिस ने राजन के खिलाफ हत्या के 20 मामले, आतंकी एवं बाधाकारी गतिविधि (निरोधक) कानून के तहत चार मामले, आतंकवाद रोकथाम कानून के तहत एक मामला और कडे महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून के तहत 20 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं. दिल्ली पुलिस के पास उसके खिलाफ छह मामले हैं.
राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखालजे है. ऑस्ट्रेलियाई अधिकरियों द्वारा इंडोनेशिया की पुलिस को खुफिया सूचना दिए जाने के बाद राजन को इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर बाली से गिरफ्तार किया गया था.
वर्ष 2000 में राजन को मारने का प्रयास किया गया था. दाउद के लोगों ने बैंकॉक के एक होटल में उसका पता लगा लिया था लेकिन वह नाटकीय ढंग से बच निकलने में कामयाब रहा था. प्रत्यर्पण संधि के अभाव में भारतीय अधिकारी अपने इंडोनेशियाई समकक्षों को राजन की भारतीय पहचान से जुड़े दस्तावेज पहले ही उपलब्ध करवा चुके हैं ताकि उसका प्रत्यर्पण कराया जा सके.