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आतंकवाद के आरोप पर अमेरिका में दो भारतीय भाइयों में से एक गिरफ्तार
वाशिंगटन : अमेरिका के खिलाफ हिंसक जिहाद छेडने में आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में एफबीआई ने एक भारतीय इंजीनियर और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. ये दोनों उन चार व्यक्तियों में शुमार हैं जिन्हें अमेरिका की एक अदालत ने देश के खिलाफ जिहाद को अंजाम देने के लिए एक अलकायदा नेता […]
वाशिंगटन : अमेरिका के खिलाफ हिंसक जिहाद छेडने में आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में एफबीआई ने एक भारतीय इंजीनियर और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. ये दोनों उन चार व्यक्तियों में शुमार हैं जिन्हें अमेरिका की एक अदालत ने देश के खिलाफ जिहाद को अंजाम देने के लिए एक अलकायदा नेता को वित्तीय मदद मुहैया कराने के आरोप में अभियोजित किया है. भारतीय भाइयों – याहया फारुक मोहम्मद (37) और इब्राहिम जुबैर मोहम्मद (36) को आसिफ अहमद सलीम (35) और उसके भाई सुल्तान रुम सलीम (40) के साथ आतंकवादियों को सामग्री एवं संसाधन मुहैया कराने के आरोप में अभियोजित किया गया है.
‘फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन’ (एफबीआई) ने गुरुवार को इब्राहिम को टेक्सास में गिरफ्तार किया. वह टेक्सास में ही रहता था जबकि सुल्तान को ओहियो से गिरफ्तार किया गया . दो अन्य आरोपी संयुक्त अरब अमीरात में ही रहते हैं. आतंकवादियों को सामग्री एवं संसाधन मुहैया कराकर उनका सहयोग करने और साजिश रचने के आरोप में सभी चारों व्यक्तियों पर अभियोग लगाया गया है.
सुल्तान का प्रतिनिधित्व कर रही अटॉर्नी कादरी शेरिफ ने बताया कि उसने खुद को बेकसूर बताया है. शेरिफ ने पीटीआई को फोन पर बताया, ‘‘सलीम ने खुद को बेगुनाह बताया है. मामला उसके और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है और अब इसे साबित करने के लिए दस्तावेज और साक्ष्य पेश करना वकीलों की जिम्मेदारी है.”
शेरिफ ने बताया कि वह केवल सुल्तान का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. यह ज्ञात नहीं है कि संघीय अदालत में अन्य तीनों व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व कौन कर रहा है. एफबीआई और ना ही न्याय विभाग के किसी अधिकारी ने मामले में फोन या ईमेल का जवाब दिया. ओहियो में एक स्थानीय दैनिक ‘द टोलेडो ब्लेड’ के मुताबिक, याहया एक भारतीय नागरिक है जिसने 2002 से 2004 तक ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढाई की. उसने 2008 में एक अमेरिकी महिला से शादी की. 2004 से वह संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा है.
दैनिक अखबार के मुताबिक, याहया के भाई इब्राहिम ने 2001 से 2005 तक यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस उरबाना-शैम्पेन से इंजीनियरिंग की पढाई की. 2006 में वह टोलेडो आ गया और एक अमेरिकी नागरिक से शादी कर 2007 में देश का स्थायी निवासी बन गया. दैनिक अखबार के मुताबिक, अमेरिकी अटॉर्नी के लिए सहायक मैथ्यू शेफर्ड ने अदालत को बताया कि सलीम के खिलाफ लगे दो आरोपों में उसे 15 साल जेल की सजा जबकि तीसरे आरोप में उसे 20 साल जेल की सजा हो सकती है.
आरोपपत्र के अनुसार, 22 जुलाई, 2009 को दो अन्य लोगों के साथ याहया अलकायदा नेता अनवर अल-अवलाकी से मिलने के लिए यमन गया था. हालांकि अवलाकी से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई इसलिए उन्होंने अवलाकी के एक सहयोगी से मिलने के लिए यमन की राजधानी सना का रुख किया. याहया और उसके दो साथियों ने अवलाकी के सहयोगी को उसे देने के लिए करीब 22,000 डॉलर दिए. अल-अवलाकी 2011 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया.72 पृष्ठ के आरोप पत्र में यह कहा गया है कि विगत दिनों में इन चारों व्यक्तियों से एफबीआई ने कई बार पूछताछ की और उन्होंने संघीय जांच एजेंसी से झूठ बोला.
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