यदि तराई को अलग किया गया तो नेपाल अपनी संप्रभुता खो देगा : उप प्रधानमंत्री

काठमांडो : नेपाल के उप प्रधानमंत्री चित्र बहादुर केसी ने आज आगाह किया कि अगर नवनिर्मित संविधान द्वारा गठित संघीय प्रांतों को तोडकर पहाडी क्षेत्र से तराई मैदान को अलग कर दिया जाता है तो देश अपनी संप्रभुता खो देगा. दिग्गज कम्युनिस्ट नेता चित्र बहादुर ने कहा, ‘‘तराई, पहाडी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र एक दूसरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 6:50 PM
काठमांडो : नेपाल के उप प्रधानमंत्री चित्र बहादुर केसी ने आज आगाह किया कि अगर नवनिर्मित संविधान द्वारा गठित संघीय प्रांतों को तोडकर पहाडी क्षेत्र से तराई मैदान को अलग कर दिया जाता है तो देश अपनी संप्रभुता खो देगा. दिग्गज कम्युनिस्ट नेता चित्र बहादुर ने कहा, ‘‘तराई, पहाडी क्षेत्र और पर्वतीय क्षेत्र एक दूसरे पर निर्भर हैं और उन्हें अक्षुण्ण रखना जरूरी है. ‘ उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल साफ हो गया है कि मधेसी पार्टियां क्यों झापा, मोरंग और सुनसारी तथा कैलाली और कंचनपुर मांग रही हैं.
उन्होंने कहा कि भारत से लगी सीमा पर जारी नाकेबंदी के चलते नेपाल के लोग आज जिन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं यह इस बात को दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि शेष देश से तराई को अलग करना कैसे देश के लिए विनाशकारी हो सकता है. चित्र बहादुर ने कहा, ‘‘हमें नेपाली जनता की आकांक्षाओं के अनुरुप संविधान लागू करने के लिए आर्थिक नाकेबंदी की शक्ल में सजा दी जा रही है.’
उप प्रधानमंत्री ने कहा कि मधेसी समस्या नेपाल का अंदरूनी मुद्दा है और इसके हल के लिए उन्हें बाहरी मदद की जरूरत नहीं है. इस बीच, महिला, बाल एवं समाज कल्याण मंत्री सीपी मैनाली ने कल एक टीवी साक्षात्कार में आरोप लगाया था कि भारत की योजना नेपाल के तराई क्षेत्र के अपने भूभाग में मिला लेने की है. पिछले हफ्ते भी मैनाली ने यह आरोप लगाए थे जिसपर यहां भारतीय दूतावास ने उनके दावों का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया था.

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