संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया के शरणार्थियों को लौटा देने की अपीलों को गलत ठहराया गया है. इन अपीलों में कहा गया है कि ऐसा उन कट्टरपंथियों को रोकने के लिए किया जाना चाहिए, जिन्होंने तथाकथित शरणार्थियों के तौर पर देश में घुसकर पेरिस हमलों को अंजाम दे दिया. फ्रांसीसी जांचकर्ताओं ने बताया है कि पेरिस पर हमला करने वालों में से एक सीरियाई नागरिक था जो संभवत: प्रवासियों की भीड का हिस्सा बनकर यूरोप में घुस गया होगा. इसके बाद से यूरोपीय देशों, कनाडा और अमेरिका से ऐसी अपीलें की जा रही हैं कि वे शरणार्थियों को प्रवेश नहीं दें.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कल कहा, ‘यह समझा जा सकता है कि देशों को वे सभी कदम उठाने की आवश्यकता है, जिन्हें उठाया जाना किसी भी प्रकार के आतंकवाद से उनके नागरिकों की रक्षा करने के लिए जरुरी है.’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन शरणार्थियों और उन कमजोर लोगों को निशाना बनाना सही नहीं होगा जो खुद हिंसा से बचकर भाग रहे है.’ दुजारिक ने कहा, ‘ये वे लोग हैं जो दाएश या इस्लामिक स्टेट के उस भीषण विनाश से बचकर भाग रहे हैं जो हमने पेरिस में देखा है.’
पेरिस हमलों के पीडितों की याद में सुरक्षा परिषद में रखा गया मौन
पेरिस पर बीते शुक्रवार को हुए आतंकी हमलों के शिकार बने लोगों की याद में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक मिनट का मौन रखा गया. दुनिया को हिलाकर रख देने वाले इन हमलों में 129 लोग मारे गये थे. कल हुई बैठक की अध्यक्षता करने वाले ब्रितानी विदेश मंत्री (अंतरराष्ट्रीय विकास) जस्टिन ग्रीनिंग ने कहा, ‘इन हमलों ने कई कीमती जिंदगियां छीन लीं और बडी संख्या में लोग घायल हुए.’
ग्रीनिंग ने कहा कि परिषद ‘‘पेरिस में हुए वीभत्स आतंकी हमलों पर बेहद दुख और गहरा रोष व्यक्त करती है.’ ग्रीनिंग का देश इस माह परिषद का अध्यक्ष है. सभी 15 राजदूतों ने खडे होकर इन हमलों के पीडितों की याद में एक मिनट का मौन रखा. हमले का शिकार बने लोग कुल 19 देशों से थे. ग्रीनिंग ने पिछले सप्ताह बेरुत में हुई बमबारी के पीडितों के परिवारों के प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त कीं. इस बमबारी में 44 लोग मारे गये थे. दोनों ही हमलों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह ने ली.