कुछ लोग जलवायु सम्मेलन में डाल सकते हैं बाधा : ओलांद
वैलेता : फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने सभी देशों से सोमवार से शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते का समर्थन करने का आह्वान किया और आशंका जतायी कि कुछ देश इस प्रक्रिया में बाधा पहुंचा सकते हैं. माल्टा में राष्ट्रमंडल सम्मेलन के दौरान 53 देशों के संगठन को संबोधित करते हुए ओलांद ने […]
वैलेता : फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने सभी देशों से सोमवार से शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु समझौते का समर्थन करने का आह्वान किया और आशंका जतायी कि कुछ देश इस प्रक्रिया में बाधा पहुंचा सकते हैं. माल्टा में राष्ट्रमंडल सम्मेलन के दौरान 53 देशों के संगठन को संबोधित करते हुए ओलांद ने कहा कि इस ‘महत्वकांक्षी’ समझौते पर पहुंचना मानव जाति का कर्तव्य है ताकि जलवायु परिवर्तन को काबू में किया जा सके. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि कई भिन्न मत वाले इस स्वप्न को साकार नहीं होने देंगे. यह वार्ता 195 देशों वाले ‘यूएन फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज’ (यूएनएफसीसीसी) के बैनर तले हो रही है जिसमें सर्वसम्मति से किसी नतीजे को स्वीकार किया जाता है.
ओलांद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मेरी आशंका है कि हमें एक सम्पूर्ण समझौते पर पहुंचना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसे कुछ ही देश हैं जो इस प्रक्रिया में बाधक हैं, इनकी गारंटी नहीं है क्योंकि उनका अभी भी मानना है कि कुछ बाध्यताएं उनके विकास में बाधक बनेंगी.’ फ्रांस के राष्ट्रपति के तौर पर ओलांद 30 नवंबर से 11 दिसंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन की मेजबानी करेंगे. उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून की ओर से राष्ट्रमंडल वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया था. सोमवार से फ्रांस की राजधानी में जलवायु परिवर्तन पर चर्चा शुरू होने से पहले हुई यह आखिरी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठक थी.
उन्होंने कहा, ‘पेरिस सम्मेलन की तैयारी के लिए राष्ट्रमंडल सम्मेलन एक बेहतर मंच रहा.’ बान ने कहा कि अपने भौगोलिक विस्तार और विविधता के कारण जी 7 शक्तियों से लेकर छोटे द्वीपीय देशों वाला राष्ट्रमंडल ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सूक्ष्म जगत है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर राष्ट्रमंडल एक है तो यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि आप संयुक्त राष्ट्र की सभी विचारधाराओं को प्रस्तुत करते हैं.’ माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट ने 53 देशों के इस समूह में पर्यावरण परियोजनाओं के समर्थन के लिए एक अरब डॉलर राशि वाली ‘राष्ट्रमंडल हरित वित्त सुविधा’ का शुभारंभ किया.